जनता से रिश्ता वेबडेस्क। RBI Hikes Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को अचानकर रेपो रेट में इजाफा करके देश के करोड़ों लोगों को चौंका दिया. आरबीआई के इस कदम के बाद शायद आपके मन में भी यह सवाल आया होगा कि आखिर अचानक इस बदलाव को करने की जरूरत क्या थी? आरबीआई के इस कदम के बाद बैंकों के पास 87,000 करोड़ की नकदी घट जाएगी.
CRR बढ़ाकर 4.5 प्रतिशत करने का फैसला
आरबीआई ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो रेट (Repo Rate) को 0.40 प्रतिशत बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) की अध्यक्षता में बिना किसी तय कार्यक्रम के बुलाई गई मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में नकद आरक्षित अनुपात (CRR) को भी 0.50 प्रतिशत बढ़ाकर 4.5 प्रतिशत करने का फैसला किया गया.
अचानक क्यों बढ़ाया रेपो रेट?
दरअसल, रिटेल इंफेलशन रेट पिछले तीन महीने से 6 प्रतिशत से ऊपर बना हुआ है. केंद्रीय बैंक को खुदरा महंगाई दर 2 प्रतिशत घट-बढ़ के साथ 4 प्रतिशत पर बरकरार रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है. ऐसे में तेजी से बढ़ती महंगाई को काबू में लाने के लिये केंद्रीय बैंक की तरफ से रेपो रेट बढ़ाने का कदम उठाया गया. इस कदम से कंपनियों और लोगों के लिये कर्ज लेना महंगा होगा.
इतिहास में पहली बार हुआ यह काम
रेपो रेट में आरबीआई ने अगस्त, 2018 के बाद पहली वृद्धि की है. केंद्रीय बैंक की तरफ से करीब चार साल बाद रेपो रेट बढ़ाया गया है. यह पहली बार हुआ है जब एमपीसी (MPC) ने बिना किसी निर्धारित कार्यक्रम के बैठक आयोजित कर ब्याज दरें बढ़ाई हैं. एमपीसी की बैठक में सभी 6 सदस्यों ने आम सहमति से नीतिगत दर बढ़ाने का निर्णय किया.
अप्रैल में भी मुद्रास्फीति ऊंची रहने की संभावना
इस मौके पर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई दर लक्ष्य की ऊपरी सीमा 6 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है. अप्रैल में भी इसके ऊंचे रहने की संभावना है. मार्च में खुदरा मुद्रास्फीति 6.9 प्रतिशत रही थी. इससे पहले, केंद्रीय बैंक ने 22 मई, 2020 को रेपो दर में संशोधन किया था. इसके तहत मांग बढ़ाने के इरादे से रेपो दर को घटाकर अबतक के सबसे निचले स्तर 4 प्रतिशत पर लाया गया था.
क्या होगा असर?
रेपो रेट बढ़ने का असर आपके होम लोन, कार लोन या अन्य किसी भी लोन पर पड़ेगा. यदि आपका पहले से लोन चल रहा है या आप लोन लेने वाले हैं तो आने वाले दिनों में बैंक की तरफ से ब्याज दर बढ़ने से EMI पहले के मुकाबले ज्यादा जाएगी. इसका असर नए और पुराने दोनों ग्राहकों पर होगा. आइये इसे आंकड़ों में समझते हैं.
क्या होता है रेपो रेट?
जिस रेट पर आरबीआई की तरफ से बैंकों को लोन दिया जाता है, उसे रेपो रेट कहा जाता है. रेपो रेट बढ़ने का मतलब है कि बैंकों को आरबीआई से महंगे रेट पर कर्ज मिलेगा. इससे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन आदि की ब्याज दर बढ़ जाएगी, जिससे आपकी ईएमआई पर सीधा असर पड़ेगा.