एजुकेशन सेक्टर की क्या है बजट से उम्मीद, जानिए उनकी प्रमुख मांगे

पिछले दो सालों से एजुकेशन सेक्टर (Education Sector) कई तरह की परेशानियों का सामना कर रहा है.

Update: 2022-01-21 12:42 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |  पिछले दो सालों से एजुकेशन सेक्टर (Education Sector) कई तरह की परेशानियों का सामना कर रहा है. ऐसे में एजुकेशन सेक्टर Budget 2022 में अपने लिए कई तरह की राहत की उम्मीद कर रहा है. इसमें GST रेट कट, इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए सस्ती दरों पर लोन और सेक्शन 80सी के तहत टैक्स में राहत को बढ़ाने की मांग की जा रही है. एजुकेशन सेक्टर का कहना है कि सरकार ने नई एजुकेशन पॉलिसी (NEP)तैयार की है, लेकिन इसे लागू करने के लिए जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में सरकार को मदद करने की जरूरत है. इसके अलावा मेनस्ट्रीम एजुकेशन के लिए फंड एलोकेशन बढ़ाने की जरूरत है. कोरोना काल में पढ़ाई भी डिजिटल हो गया है. ऐसे में सरकार की कोशिश बड़े और छोटे शहरों के बीच डिजिटल डिफरेंस को घटाने की होनी चाहिए. इससे देश के हर छात्र को शिक्षा का अधिकार मिलेगा. यह राइट टू एजुकेशन के तहत जरूरी है. इसके अलावा सरकार को एजुकेशन टेक्नोलॉजी प्लेयर्स (edtech players) को भी राहत देने के बारे में सोचना चाहिए.

ऑनलाइन एजुकेशन प्लैटफॉर्म कैटेलिस्ट ग्रुप (Catalyst Group) के फाउंडर अखंड स्वरूप पंडित ने कहा कि सरकार को एजुकेशन सेक्टर संबंधी किसी तरह की पॉलिसी बनाने या बदलाव करने से पहले AICTE और UGC जैसे गवर्निंग बॉडी से चर्चा करनी चाहिए और उनके सुझाव को गंभीरता से लेना चाहिए.
इंटरनेट कनेक्टिविटी पर देना होगा जोर
अखंड स्वरूप ने कहा कि अगर कोरोना जैसी महामारी के बाद देश के सभी छात्रों को शिक्षा से जोड़ना है तो इसके लिए जरूरी है कि सरकार इंटरनेट कनेक्टिविटी के विस्तार पर जोर दे. सभी सरकारी स्कूलों में इंटरनेट कनेक्टिविटी होनी चाहिए. इसके साथ ही छात्रों के लिए अफोर्डेबल इंटरनेट डिवाइस हो. उन्होंने कहा कि सरकार को edtech players को भी राहत देने पर विचार करना चाहिए. कोरोना महामारी के बाद शिक्षा का रूप भी बदल गया है. ऐसे में सरकार को EdTech स्पेस में स्टार्टअप्स और स्मॉल मिड एंटरप्राइजेज को राहत देने की जरूरत है. इसमें सरकार लॉन्ग टर्म के लिए टैक्स में राहत दे सकती है.
सस्ते लोन की मांग
बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी (BIMTECH) के डायरेक्टर हरिवंश चतुर्वेदी ने कहा कि इस साल पब्लिक इंस्टिट्यूट भी अपने लिए बजट एलोकेशन की मांग कर रहे हैं. हायर एजुकेशन के प्राइवेट प्लेयर्स अपने लिए सस्ते लोन की मांग कर रहे हैं. यह सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुआ है.
93224 करोड़ का ऐलान किया था
2021 के बजट में सरकार ने एजुकेशन सेक्टर के लिए 93224 करोड़ का ऐलान किया था. 20202 के बजट अनुमान से यह 6000 करोड़ कम था, हालांकि वित्त वर्ष 2020-21 के रिवाइज्ड बजट के मुकाबले यह 9.5 फीसदी ज्यादा था. 2021-22 के लिए स्कूल एजुकेशन सेक्टर को 54873 करोड़ का फंड जारी किया गया था. बाकी के पैसे हायर एजुकेशन सेक्टर के लिए डाला गया था.


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