प्राइवेट मेंबर बिल क्या होता है, जाने डिटेल्स

सवाल उठता है कि ये प्राइवेट मेंबर बिल क्या होता है और यह संसद में पेश होने वाले आम बिलों से कैसे अलग होता है. आइए इसके बारे में डिटेल में जानते हैं.

Update: 2021-12-04 06:17 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। संसद के दोनों सदनों में 3 दिसंबर की बिजनेस के लिए रिवाइज्ड लिस्ट में प्राइवेट मेंबर्स लेजिस्लेटिव बिजनेस शेड्यूल्ड रहा है. लोकसभा में पेश होने के लिए लिस्टेड 275 प्राइवेट मेंबर्स के बिलों में प्रीवेंशन ऑफ ब्राइबेरी से लेकर गुटखा और पान मसाला (प्रतिबंध) बिल, 2020 शामिल हैं. राज्यसभा में जनसंख्या नियंत्रण बिल, 2021 के अलावा यूनिवर्सल हेल्थकेयर बिल, 2021 और यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल, 2020 शामिल हैं.

अब सवाल उठता है कि ये प्राइवेट मेंबर बिल क्या होता है और यह संसद में पेश होने वाले आम बिलों से कैसे अलग होता है. आइए इसके बारे में डिटेल में जानते हैं.
प्राइवेट मेंबर बिल क्या है और यह सरकार के बिलों से कैसे अलग है?
एक सांसद, जो मंत्री नहीं है, वह प्राइवेट मेंबर होता है. प्राइवेट मेंबर्स द्वारा पेश किए जाने वाले बिलों को प्राइवेट मेंबर्स के बिल कहा जाता है. मंत्रियों द्वारा पेश किए जाने वाले बिलों को सरकारी बिल कहते हैं. सरकारी बिलों को सरकार का समर्थन होता है और वह उसका संसदीय एजेंडा दिखाते हैं. प्राइवेट बिल को मंजूर करना है या नहीं, इसका फैसला लोकसभा का स्पीकर या राज्यसभा के चेयरमैन का होता है.
इसकी प्रक्रिया क्या है?
प्राइवेट मेंबर का बिल सांसद या उनका स्टाफ ड्राफ्ट करता है. जो सांसद प्राइवेट मेंबर बिल पेश करना चाहता है, उसे कम से कम एक महीने का नोटिस देना होता है. नोटिस सदन सचिवालय को देना होता है, जो इसके संविधान के प्रावधानों के अनुपालन और विधेयक पर नियमों के अनुपालन को देखता है. जहां सरकारी बिल को किसी भी दिन पेश और चर्चा की जा सकती है, प्राइवेट मेंबर के बिल को केवल शुक्रवार को पेश और चर्चा करनी होती है.
एक से ज्यादा बिल होने पर, बिल को पेश करने के क्रम को तय करने के लिए एक बैलेट सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है. प्राइवेट मेंबर बिल और रेजोल्यूशन पर संसदीय कमेटी ऐसे सभी बिलों को देखती है और उनके महत्व के आधार पर वर्गीकृत करती है.
क्या कभी कोई प्राइवेट मेंबर का बिल कानून बना है?
साल 1970 से, संसद से कोई प्राइवेट मेंबर का बिल पास नहीं हुआ है. अब तक संसद से ऐसे 14 बिल पास हुए हैं, जिनमें से छह 1956 में हुए थे. 2000 के बाद, 16वीं लोकसभा (2014-19) में सबसे ज्यादा संख्या में प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए गए थे. इनकी संख्या 999 रही थी. 16वीं लोकसभा में 142 सदस्यों ने बिल पेश किए थे, जिनमें से 34 सदस्यों ने 10 या ज्यादा बिलों को पेश किया है.


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