देश में क्या सस्ता हुआ और क्या महंगा? मोदी सरकार में मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने जारी की ये लिस्ट
नई दिल्ली. 10 अलग-अलग सांसदों ने हाल ही में लोकसभा (Lok Sabha) में महंगाई (Dearness) से जुड़ा मुद्दा उठाया था. सांसदों ने उपभोक्ता मामलों से जुड़े मंत्रालय से पूछा था कि क्या कुकिंग ऑयल के रेट बढ़ रहे हैं. क्या लॉकडाउन (Lockdown) के बाद रसोई से जुड़ी तमाम चीजें महंगी हो गई हैं? क्या कुकिंग ऑयल (Cooking Oil) की जमाखोरी हो रही है, जिसकी वजह से रेट बढ़ रहे हैं और उसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है. इस पर मंत्रालय से जुड़ीं उपभोक्ता मामलों की मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति (Sadhvi Niranjan Jyoti) ने जवाब में महंगाई की वजह बताने के साथ ही एक रेट लिस्ट (Rate List) भी जारी की है. इसमें बताया गया है कि साल 2017 के मुकाबले वर्ष 2021 में क्या सस्ता और क्या महंगा हुआ है.
कुकिंग ऑयल के बढ़ते दाम के बारे में उपभोक्ता मामलों की मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति का कहना है, 'इंटरनेशनल मार्केट में कुकिंग ऑयल के दाम 51 से 80 फीसद तक बढ़े हैं. वहीं, अगर लॉकडाउन के बाद सितंबर 2020 से तुलना की जाए तो आलू और टमाटर महंगे हुए हैं, लेकिन दूसरी वस्तुओं के दाम में गिरावट भी देखी गई है. चावल की कीमतों में 3.58 फीसद की बढ़ोतरी हुई है तो गेहूं के दाम में 3.19 की गिरवाट भी दर्ज की गई है. मसूर और तूर दाल में 15.07 और 9.22 फीसद की तेजी आई है. सूरजमुखी और मूंगफली के तेल में 9.45 और 9.89 फीसद की तेजी आई है.'
मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति का यह भी कहना है कि खाने के सामान की कीमतें दूसरी बातों के साथ-साथ डिमांड और सप्लाई में असंतुलन, खराब मौसम, उत्पादन में कमी, ट्रांसपोर्ट की लागत बढ़ने आदि के प्रभाव से भी ऊपर-नीचे होती हैं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन्हें कंट्रोल करने के लिए वक्त-वक्त पर सरकार हर संभव कदम उठा रही है. कुकिंग ऑयल और दूसरी चीजों पर टैक्स और ड्यूटी के मामले में रियायत भी दे रही है. आयात नीतियों के माध्यम से भी राहत दे रही है.