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कैब कंपनी ओला (Ola) और उबर (Uber) की मनमानी अब थम सकती है. कंपनी को अब इसी मामले में नोटिस जारी किया गया है. कंपनी के ऊपर उपभोक्ता हितों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया गया है. प्राधिकरण ने नोटिस का जवाब देने के लिए ओला और उबर को 15 दिन का समय दिया है. इन दोनों ही कंपनियों को गंभीर आरोपों के बाद नोटिस जारी किया गया है.
कंपनियों के रवैये से नाखुश है CCPA
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने कंपनियों को नोटिस थमाया है. एक सप्ताह पहले इन कंपनियों के साथ बैठक हुई थी. इस बैठक में चेतावनी देने पर कोई असर नहीं हुआ, इसके बाद प्राधिकरण ने नाराजगी जताई है. CCPA ने पिछली बैठक में ही ओला, उबर, मेरु कैब और जुगनू को अपनी सर्विसेज में सुधार करने के साथ शिकायतों को निपटाने के लिए उचित हेल्पलाइन जारी करने का निर्देश दिया था.
कैब कंपनी अपना रहीं बेकार रवैया
कैब कंपनियों को अपने बुकिंग सिस्टम और बुकिंग कैंसिलेशन में सुधार करने को कहा गया था, लेकिन इसमें कोई सुधार नहीं हुआ है. आपको बता दें कि इन कंपनियों ने अपने App पर यूजर्स की शिकायतें (Complaints) पाने का कोई प्रविधान नहीं किया है.
कंपनी के खिलाफ इतनी शिकायतें
गौरतलब है कि 1 अप्रैल, 2022 से 1 मई, 2022 के बीच अकेले Ola के खिलाफ 2,482 शिकायतें दर्ज कराई गई हैं. Uber के खिलाफ 770 शिकायतें आई हैं. ये सारी शिकायतें नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन (NCH) के माध्यम से दर्ज कराई गई हैं.
ग्राहकों को होती हैं इतनी दिक्कतें
आमतौर पर ग्राहकों को कस्टमर सपोर्ट न होना, ड्राइवरों का ऑनलाइन भुगतान लेने से मना करना, फिक्स्ड किराए से एक्सट्रा चार्ज करना, ड्राइवरों का अनप्रोफेशनल विवेहियर, बुकिंग शर्तों के बावजूद AC न चलाना जैसी बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.