VIDEO: कुछ इस तरह किया जाता है आपके फेवरेट कार के हर पुर्जे का टेस्ट

पिछले कुछ सालों में इंडियन कार मार्केट में व्हीकल सेफ्टी पर काफी जोर दिया जा रहा है.

Update: 2021-04-15 13:27 GMT

पिछले कुछ सालों में इंडियन कार मार्केट में व्हीकल सेफ्टी पर काफी जोर दिया जा रहा है. इसका मुख्य उद्देश्य सभी व्हीकल ओनर्स की सुरक्षा देना है जिससे वो किसी भी तरह के दुर्घटना होने पर सुरक्षित रहें और उनके जान को कोई खतरा न हो. सरकार भी इसको देखते हुए लगातार नए नियम लेकर आ रही है. हाल ही में सरकार सभी वाहन निर्माता कंपनियों को ड्राइवर की बगल वाली सीट में भी एयरबैग लगाने का आदेश दिया है.

दरअसल किसी भी कार के लिए उसकी सेफ्टी रेटिंग सबसे जरूरी चीजों में से एक है. जैसे हम कार के अन्य फीचर्स को देखकर प्रभावित होते हैं वैसे ही सेफ्टी रेटिंग्स को भी देखना जरूरी है. भारत में इसपे चर्चा तब जोरों से शुरु हुई जब मारुति सुजुकी की नई माइक्रो एसयूवी कार S-Presso को सेफ्टी रेटिंग एजेंसी Global NCAP (New Car Assessment Program) के सेफ्टी क्रैश टेस्ट में जीरो स्टार मिले. लेकिन क्या आपको मालूम है कि असल में क्रैश टेस्ट क्या होता है और इसे कैसे किया जाता है. अगर नहीं तो चलिए हम बताते हैं.
क्या होता है NCAP क्रैश एंड सेफ्टी टेस्ट
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इस टेस्ट के तहत कार कितनी सुरक्षित है इसके बारे में पता लगाया जाता है. इसके लिए NCAP चार जरूरी क्षेत्रो को ध्यान में रखते हुए टेस्ट करती है जिसमें कार में बैठे व्यस्क कितने सुरक्षित हैं. कार में बैठे बच्चे कितने सुरक्षित हैं, रोड पर यह गाड़ी कितने सुरक्षित तरीके से काम करती है और अन्य सेफ्टी फीचर्स कैसे हैं.
इसमें सबसे पहले फिजिकल क्रैश टेस्ट किया जाता है जिसमें यह पता लगाया जाता है कि गाड़ी के किसी भी साइड से लड़ने पर उसमें बैठे लोगों पर कितना प्रभाव पड़ेगा. 2020 में इसमें सात तरीके के क्रैश टेस्ट किए गए जिसमें फ्रंटल ऑफसेट टेस्ट, फुल विड्थ फ्रंटल टेस्ट, साइड इम्पैक्ट टेस्ट, फार-साइड इम्पैक्ट टेस्ट, पेडेस्ट्रन प्रोटेक्शन, ऑब्लिक पोल टेस्ट और व्हिपलैश टेस्ट शामिल है.
परफॉर्मेंस टेस्ट के दौरान यह चेक किया जाता है कि कार की एमरजेंसी ब्रेकिंग, लेन सपोर्ट सिस्टम, ऑटोमेटिक एमरजेंसी स्टीयरिंग और स्पीड असिस्ट सिस्टम कैसा है. इसके साथ ही अन्य चीजों की भी जांच की जाती है.
इन टेस्ट को करने के बाद दी जाती है रेटिंग
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क्रैश एंड सेफ्टी टेस्ट होने के बाद NCAP की ओर से हर मामले को लेकर रेटिंग दी जाती है कि चाइल्ड प्रोटेक्शन के मामले में कार कितनी सुरक्षित है या फिर अन्य फीचर्स के मामले में यह कितनी सेफ है. बता दें कि दुनियाभर में कारों के सेफ्टी क्रैश टेस्ट के लिए मशहूर Global NCAP ने भारत के कई कारों पर क्रैश टेस्ट किए हैं और उसका परिणाम भी जारी किया है. Global NCAP का 'भारत के लिए सुरक्षित कार' अभियान भारत सरकार और भारतीय बाजार के वाहन निर्माताओं के लिए असल में आंख खोलने वाला साबित हुआ है. इस अभियान की शुरुआत 2014 में हुई थी और इसकी वजह से सरकार ने वाहनों की सुरक्षा पर जोर दिया और देश में बिकने वाली कारों के लिए ज्यादा सख्त और सुरक्षा जरूरतों को अपनाया गया.
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