सेमीकंडक्टर मामले में फॉक्सकॉन और वेदांता को बड़ा झटका लगा है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इन कंपनियों से सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने का प्लान दोबारा बताने को कहा है. बता दें, प्रधानमंत्री अमेरिकी दौरे पर हैं. ऐसे में अमेरिका और भारत के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं. सेमीकंडक्टर प्लांट उनमें से एक है।कई अमेरिकी कंपनियों ने भारत में अपनी इकाइयां स्थापित करने और सेमीकंडक्टर क्षेत्र में दावा करने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने की बात की है। इससे देश में सेमीकंडक्टर क्रांति लाना संभव है. ऐसे में अश्विनी वैष्णव की बात से वेदांता और फॉक्सकॉन को बड़ा झटका लगा है.
शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि वेदांता और फॉक्सकॉन को सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने के लिए अपनी मैन्युफैक्चरिंग योजना दोबारा बतानी होगी. जिसे भारत अपने सेमीकॉन प्रोग्राम के नए नियमों के मुताबिक जांचेगा और मंजूरी देगा।आपको बता दें, भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए 76,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम को दिसंबर 2021 में कैबिनेट द्वारा मंजूरी दी गई थी। इसके साथ ही अश्विनी वैष्णव ने कहा कि देश की पहली सेमीकंडक्टर चिप दिसंबर 2024 तक लॉन्च की जाएगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान अमेरिकी चिप कंपनी माइक्रोन टेक्नोलॉजी के सीईओ संजय मेहरोत्रा के साथ बैठक की और सेमीकंडक्टर विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए कंपनी को भारत आने का निमंत्रण दिया। कंपनी ने एक बयान में कहा कि माइक्रोन गुजरात में सेमीकंडक्टर टेस्ट और असेंबली प्लांट लगाएगी और इसके जरिए कुल 2.75 अरब डॉलर का निवेश किया जाएगा.