कोरोना काल की वजह से बढ़ेगी यूज्ड कारों की सेल, इन कार कंपनियों को मिलेगा फायदा
यूज्ड कारों की सेल
प्रमुख वाहन कंपनियों मारुति सुजुकी, महिंद्रा एंड महिंद्रा और टोयोटा किर्लोस्कर मोटर पुरानी कारों की खरीद-बिक्री के अपने कारोबार में वृद्धि को लेकर उत्साहित हैं. हालांकि कोविड-19 चुनौतियों के कारण वाहन कंपनियों की कारोबारी गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. कंपनियां महामारी के कारण निकट अवधि की स्थिति के बारे में थोड़ी सतर्क हैं, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि कोरोनो वायरस महामारी के बीच आवाजाही को लेकर लोग अपने वाहन को तरजीह देंगे और इस खंड (पुरानी कारों की खरीद-बिक्री) में दीर्घकाल में वृद्धि होगी.
मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) के कार्यकारी निदेशक (बिक्री और विपणन) शशांक श्रीवास्तव ने पीटीआई-भाषा से कहा, ''कोविड स्थिति को देखते हुए अभी यह अनुमान जताना काफी कठिन है कि चालू वित्त वर्ष में पुरानी कारों की खरीद-बिक्री के कारोबार का प्रदर्शन कैसा रहता है. ऐसे कारों की मांग बाजार में है लेकिन कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये विभिन्न राज्यों में पाबंदियों के कारण उपलब्धता को लेकर दबाव है.''
वाहन कंपनी की अपनी पुरानी कारों की खरीद-बिक्री को लेकर फिलहाल 570 ट्र्रू वैल्यू दुकानें हैं. इन केंद्रों पर कंपनी विभिन्न सोर्स से ली जाने वाली कारों को प्रमाणित करती हैं. इसमें वे ग्राहक भी शामिल हैं जो मारुति के नये मॉडल के लिये अपनी पुरानी कार एक्सचेंज करते हैं.
पुरानी कारों की मांग काफी ज्यादा
शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि कोविड स्थिति के कारण कारोबार पर असर हुआ है. देश भर में करीब 416 दुकानें अभी बंद हैं. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि पुरानी कारों की मांग काफी ज्यादा है. इसका कारण लोग अब कहीं भी आने-जाने के लिये खुद की कार चाह रहे हैं. चुनौती मौजूदा हालत में उपलब्धता की है. कंपनी की पुरानी कारों की बिक्री 2020-21 में 36 प्रतिशत घटकर 2.65 लाख इकाई रही जो 2019-20 में 4.18 लाख इकाई थी. उन्होंने कहा, ''अगर महामारी की स्थिति ऐसे ही बनी रहती है, बिक्री पिछले वित्त वर्ष के आसपास ही रहेगी. यानी कारों का एक्सचेंज कम होगा. अप्रैल और मई में हमने यही स्थिति देखी है. इससे पुरानी कारों की उपलब्धता पर असर पड़ेगा.''
पुरानी कारों की बिक्री में 40 प्रतिशत से अधिक का उछाल
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के उपाध्यक्ष नवीन सेनी ने भी कहा कि मौजूदा हालात में स्थिति का आकलन करना कठिन है. उन्होंने कहा, ''इस साल जनवरी से मार्च के दौरान स्थिति लगभग सामान्य थी. इस दौरान हमने पुरानी कारों की बिक्री में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 40 प्रतिशत से अधिक उछाल देखा. इसीलिए, हमारा नजरिया सकारात्मक है लेकिन यह सब इस बात पर निर्भर है कि स्थिति कब सुधरती है.''
पिछले वित्त वर्ष में वाहन कंपनी की पुरानी कारों की बिक्री 2019-20 के मुकाबले 17 प्रतिशत घटी. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत उपयोग के लिये पुरानी कारों को लेकर लोगों में काफी रूचि है. सोनी के अनुसार हालांकि बिक्री में कमी है. इसका कारण पिछले साल देशव्यापी 'लॉकडाउन' के दौरान खुदरा शोरूम का बंद होना था. दूसरा कारण, जो लोग पुरानी कार की जगह नई कार लेने को इच्छुक थे, उन्होंने संकट को देखते हुए संभवत: अपनी योजना टाल दी.
महिंद्रा पुरानी कारों की बिक्री को लेकर उत्साहित
घरेलू वाहन कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा ने कहा कि वह अपनी पुरानी कारों की बिक्री में वृद्धि को लेकर उत्साहित है. महिंद्रा फर्स्ट च्वॉइस (एमएफसी) व्हील्स के प्रबंध निदेशक और सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) आशुतोष पांडे ने कहा, ''हम प्रौद्योगिकी में लगातार निवेश कर रहे हैं. हम अपने एमएफसी दुकानों के तेजी से विस्तार के अलावा अपने ऑटोकार्ट रिफ्रेश थोक नीलामी मॉडल को आक्रामक रूप से बढ़ाने की योजना बना रहे हैं. हमारा लक्ष्य अपने पिछले वित्त वर्ष के आंकड़ों से बेहतर प्रदर्शन करना है और साल दर साल अपने राजस्व में 100 प्रतिशत की वृद्धि करना है.''
पांडे के अनुसार महिंद्रा फर्स्ट च्वॉइस के कारोबार में पिछले कुछ साल में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. वित्त वर्ष 2018-19 और 2019-20 के दौरान इसमें 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. वित्त वर्ष 2020-21 में पहली तिमाही में नुकसान के बावजूद कारोबार में 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है. इस दौरान 1.8 लाख से अधिक इकाइयां बेची गयी.