Business बिज़नेस ; भारत सरकार तेजी से डिजिटल भुगतान के लिए वैश्विक स्तर पर यूपीआई बढ़ावा दे रही है। अब मध्य पूर्व के देश यूएई में भी यूपीआई उपलब्ध होगा। भारत सरकार तेजी से डिजिटल भुगतान के लिए वैश्विक स्तर पर यूपीआई को बढ़ावा दे रही है। अब मध्य पूर्व के देश यूएई में भी यूपीआई उपलब्ध होगा।एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड ने इसके लिए मध्य पूर्व और अफ्रीका की एक बड़ी डिजिटल कॉमर्स कंपनी नेटवर्क इंटरनेशनल के साथ साझेदारी की है।
अब यूएई में भारतीय यात्री या एनआरआई पॉइंट ऑफ सेल मशीनों के जरिए क्यूआर कोड के जरिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) भुगतान कर सकेंगे।NPCI इंटरनेशनल के सीईओ रितेश शुक्ला ने कहा कि UAE के व्यापारियों के बीच UPI भुगतान की बढ़ती स्वीकार्यता न केवल भारतीय यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगी, बल्कि यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अभिनव डिजिटल भुगतान समाधानों को बढ़ावा देगी। NPCI की विज्ञप्ति के अनुसार, "खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) में भारतीय यात्रियों की संख्या 2024 में 98 लाख तक पहुँचने का अनुमान है। अकेले UAE में लगभग 53 लाख भारतीयों के पहुँचने की संभावना है।"
भारत सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और NPCI इंटरनेशनल वैश्विक मंच पर UPI को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।UPI आधिकारिक तौर पर नेपाल, श्रीलंका, मॉरीशस, UAE, सिंगापुर, फ्रांस और भूटान में स्वीकार किया जाता है।एनपीसीआई के आंकड़ों के अनुसार जून में यूपीआई प्लेटफॉर्म पर लेनदेन की संख्या 13.9 बिलियन थी।इसमें सालाना आधार पर 49 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है।इस दौरान यूपीआई के जरिए प्रतिदिन औसत लेनदेन की संख्या 463 मिलियन रही और औसत लेनदेन मूल्य 66,903 करोड़ रुपये प्रतिदिन रहा। यूपीआई लेनदेन में बढ़ोतरी का कारण रुपे क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ना और विदेशों में भी यूपीआई की शुरुआत होना है।