केंद्रीय रसायन व उर्वरक मंत्री ने कहा- फर्टिलाइजर की कोई कमी नहीं, राज्य अफवाह फैलाने वालों से सख्ती से निपटें

केंद्रीय रसायन व उर्वरक मंत्री ने कहा

Update: 2021-11-01 16:27 GMT

रबी सीजन की खेती के लिए फर्टिलाइजर की कोई कमी नहीं है। राज्यों की मांग के मुकाबले अधिक फर्टिलाइजर की आपूर्ति की जा चुकी है। जरूरत के हिसाब से और फर्टिलाइजर की खेप भेजी जा सकती है। केंद्रीय रसायन व उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने यह दावा करते हुए फर्टिलाइजर की कमी की अफवाह फैलाने और जमाखोरी करने वालों को सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि नवंबर के लिए फसलों की जरूरत के मुकाबले प्रमुख फर्टिलाइजर डीएपी और यूरिया की पर्याप्त आपूर्ति की जा चुकी है। उन्होंने किसानों से किसी तरह की अफवाह में न पड़ने की हिदायत दी है।

राज्य सरकारों को खाद की किल्लत की अफवाह फैलाने, जमाखोरी करने और कालाबाजारी करने वाले ऐसे अराजकतत्वों के खिलाफ मांडविया ने सख्त कार्रवाई करने को कहा है। केमिकल व फर्टिलाइजर मंत्री मांडविया ने देश में फर्टिलाइजर की उपलब्धता को लेकर मंत्रालय के आला अफसरों के साथ समीक्षा बैठक की है। रबी सीजन की फसलों में गेहूं व सरसों जैसी प्रमुख फसलों की बोआई पिछले महीने से चालू हो गई है। फर्टिलाइजर किल्लत की अफवाहों पर तत्काल लगाम लगाने के लिए मांडविया ने यूरिया की उपलब्धता का ब्योरा देते हुए कहा कि नवंबर में राज्यों की यूरिया की कुल मांग 41 लाख टन के मुकाबले मंत्रालय ने 76 लाख टन यूरिया उपलब्ध कराया है।
इसी तरह राज्यों ने नवंबर के लिए कुल 17 लाख डाई अमोनियम फास्फेट (डीएपी) की मांग की थी, जिसके मुकाबले मंत्रालय ने 18 लाख टन यूरिया उपलब्ध करा दी है। मिश्रित फर्टिलाइजर एनपीके की उपलब्धता लगभग दोगुनी है। एनपीके की कुल मांग 17 लाख टन है, जबकि उपलब्धता 30 लाख टन है। मांडविया ने कहा कि देश में फर्टिलाइजर की न कोई कमी है और न ही होने दी जाएगी। इसलिए लोगों में भ्रम और अफवाह फैलाने वालों से सावधान रहेंगे। उन्होंने किसानों से भी आग्रह किया है कि वे इस चक्कर में आकर गलती से भी फर्टिलाइजर की जमाखोरी न करें।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रबी सीजन की फसलों के हिसाब से सभी जरूरी फर्टिलाइजर की आपूर्ति की जा रही है।
किसानों को सब्सिडी आधारित मूल्य पर उत्पादकों और आयातकों के माध्यम से फर्टिलाइजर उपलब्ध कराया जा रहा है। वैश्विक बाजार में फर्टिलाइजर के दाम बढ़ने पर सरकार ने पिछले महीने ही फास्फोरस और पोटाश के लिए 28,655 करोड़ रुपये की सब्सिडी घोषित की थी। पोषक तत्वों वाले इन फर्टिलाइजर के लिए सब्सिडी का प्रविधान इस वर्ष अक्टूबर से अगले वर्ष मार्च के लिए किया गया है। पोषक तत्वों वाले इन फर्टिलाइजर में नाइट्रोजन पर 18.79 रुपये, फास्फोरस पर 45.32 रुपये और पोटाश पर 10.11 रुपये प्रति किलो की दर से सब्सिडी दी जाती है। फर्टिलाइजर की घरेलू जरूरत को पूरा करने के लिए भारत में यूरिया और डीएपी का भारी मात्रा में आयात होता है। हाल के सालों में सरकार ने यूरिया की आयात निर्भरता समाप्त करने के लिए बंद बड़े यूरिया संयंत्रों को चालू किया है।
मौजूदा स्थिति स्थिति- नवंबर में राज्यों की मांग के मुकाबले पर्याप्त फर्टिलाइजर -41 लाख टन की मांग के मुकाबले 76 लाख टन यूरिया उपलब्ध- 17 लाख टन एनपीके की मांग, उपलब्धता 30 लाख टन की
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