केंद्रीय वित्त सचिव बोले- भारत में कभी बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी वैध नहीं होगी, दी कई जानकारी

Update: 2022-02-03 03:12 GMT

Finance Secretary on Cryprocurrency: बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी से हुई आमदनी पर लोगों को 30 फीसदी का टैक्स देना होगा. इसका अर्थ ये निकाला जाने लगा कि अब क्रिप्टोकरेंसी को वैध करेंसी घोषित करने की तरफ सरकार कदम उठाने के बारे में सोच रही है. हालांकि अब वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने इस पर फैल रहे भ्रम को दूर करने के लिए बड़ी बात कही है.

क्रिप्टो में निवेश पर सरकार की जिम्मेदारी नहीं
वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने बुधवार को कहा कि निजी क्रिप्टो करेंसी में निवेश को सरकार की सुरक्षा नहीं है यानी इसमें होने वाले नुकसान के लिए सरकार की कोई जिम्मेदारी नहीं है. इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि जो भी क्रिप्टो एसेट या क्रिप्टो करेंसी बाजार में मौजूद हैं या आएंगे, उनको वैलिड नहीं बताया गया हैं और न ही भविष्य में वो वैलिड किए जाएंगे. बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी कभी लीगल नहीं होगी और आपका पैसा डूबा तो सरकार जिम्मेदार नहीं है.
आरबीआई की डिजिटल करेंसी के बारे में ये कहा
रिजर्व बैंक की ओर से आने वाली डिजिटल करेंसी डिफॉल्ट नहीं होगी और इसका स्वरूप डिजिटल होगा यानी आरबीआई की ओर से जारी डिजिटल रुपी लीगल टेंडर या वैध करेंसी होगी. डिजिटल रुपी का पैसा आरबीआई का होगा, लेकिन उसका रूप पूरी तरह डिजिटल होगा. आरबीआई द्वारा जारी किया गया डिजिटल रुपया लीगल टेंडर होगा लेकिन बाकी सभी क्रिप्टो लीगल टेंडर नहीं हैं और कभी लीगल टेंडर नहीं घोषित किए जाएंगे. इथेरियम जैसे क्रिप्टो की असली कीमत कोई नहीं जानता और उसके रेट में डेली उतार-चढ़ाव आता है.
क्रिप्टो पर 30 फीसदी टैक्स क्यों-जानिए वित्त सचिव का जवाब
क्रिप्टोकरेंसी में लोगों का निवेश सफल होगा या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं है और ये सट्टे की तरह है. लिहाजा उसमें होने वाले नुकसान के लिए सरकार की कतई जवाबदेही नहीं हो सकती. चूंकि क्रिप्टो एक सट्टा लेन-देन है, लिहाजा इस पर 30 फीसदी की दर से टैक्स लगाया गया है, ये क्रिप्टोकरेंसी पर महंगे टैक्स के तौर पर नहीं बल्कि सभी सट्टा ट्रांजेक्शन के ऊपर है. घुड़दौड़ या लॉटरी जैसे सट्टे पर आमदनी पर भी 30 फीसदी टैक्स है और क्रिप्टो के भी ऊपर येही दर लगाई गई है.


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