जनवरी में बेरोजगारी दर 6.57 प्रतिशत रही: भारतीय अर्थव्यवस्था निगरानी केंद्र
जनवरी में देश में बेरोजगारी दर में गिरावट देखने को मिली और ये घटकर 6.57 प्रतिशत पर आ गई जो मार्च, 2021 के बाद सबसे कम है। भारतीय अर्थव्यवस्था निगरानी केंद्र (CMIE) ने अपनी एक रिपोर्ट में ये आंकड़े पेश किए हैं। CMIE के अनुसार, दिसंबर, 2021 में देश में लगभग 5.3 करोड़ बेरोजगार थे जिनमें महिलाओं की संख्या ज्यादा थी। सक्रियता के साथ नौकरी ढूढ़ रहे लोगों में भी महिलाओं की संख्या ज्यादा रही। शहरी क्षेत्रों में ग्रामीण इलाकों के मुकाबले ज्यादा बेरोजगारी
CMIE के आंकड़ों के अनुसार, देश के शहरी क्षेत्रों में ग्रामीण इलाकों से ज्यादा बेरोजगारी है। जनवरी में शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 8.16 प्रतिशत रही, वहीं ग्रामीण इलाकों में ये आंकड़ा 5.84 प्रतिशत रहा। इससे पहले दिसंबर में देश की बेरोजगारी दर 7.91 प्रतिशत रही थी। इस महीने शहरी क्षेत्र में बेरोजगारी दर 9.30 प्रतिशत रही, वहीं ग्रामीण इलाकों में ये आंकड़ा शहरों के मुकाबले थोड़ा बेहतर 7.28 प्रतिशत रहा। राज्यों की बात करें तो तेलंगाना में बेरोजगारी दर सबसे कम रही। जनवरी में राज्य में बेरोजगारी दर 0.7 प्रतिशत रही। इसके बाद गुजरात (1.2 प्रतिशत), मेघालय (1.5 प्रतिशत) और ओडिशा (1.8 प्रतिशत) का नंबर रहा। खराब स्थिति वाले राज्यों की बात करें तो एक बार फिर हरियाणा इसमें पहले स्थान पर रहा। राज्य में जनवरी में बेरोजगारी दर 23.4 प्रतिशत रही। 18.9 प्रतिशत के साथ राजस्थान दूसरे स्थान पर रहा। 3.5 करोड़ लोग ढूढ़ रहे नौकरी
CMIE के मैनेजिंग डायरेक्टर महेश व्यास ने कहा कि दिसंबर में देश में जो 5.3 करोड़ लोग बेरोजगार थे, उनमें से 3.5 करोड़ लोग सक्रियता से नौकरी ढूढ़ रहे थे। इनमें से 23 प्रतिशत यानि लगभग 80 लाख महिलाएं थीं। इसके अलावा 1.7 करोड़ ऐसे लोग भी थे जिनके पास रोजगार नहीं है, लेकिन वे सक्रियता से नौकरी नहीं ढूढ़ रहे। हालांकि काम मिलने पर वो नौकरी करने को तैयार हैं। गौरतलब है कि CMIE ने ये आंकड़े ऐसे समय पर जारी किए हैं जब बुधवार को ही कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने संसद में बेरोजगारी का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था। उन्होंने कहा था कि आज भारत में बेरोजगारी पिछले 50 साल में सबसे अधिक है और नोटबंदी, गलत GST और बड़े कारोबारियों को समर्थन जैसे सरकार के कदम इसके लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि इनकार छोटे और मझोले उद्योग बर्बाद हो गए जो लाखों-करोड़ों रोजगार देते हैं।