केंद्र सरकार के लिए बेरोजगारी बनी बड़ी समस्या, बजट में हो सकता है ये ऐलान

Update: 2021-01-26 02:50 GMT

चाहे उद्योग हों या नौकरीपेशा करदाता, हर किसी को उम्मीद है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण उसके लिए कुछ तो ऐसा खास लेकर आएंगी कि उसकी मुश्किल आर्थिक परिस्थितियों में कुछ राहत मिलेगी. लेकिन सरकार को जरूरी में से बहुत जरूरी को चुनना है. क्योंकि सरकार का खजाना भी खाली है.

दरअसल उम्मीद की जा रही है कि सरकार का सबसे ज्यादा बजट में फोकस रोजगार पर रहने वाला है. कोरोना संकट से पहले से ही सरकार के लिए बेरोजगारी एक बड़ी समस्या थी, जो समय के साथ और बड़ी चुनौती हो गई है. लेकिन अब बजट में इस बड़ा कदम उठाया जा सकता है. 
ऐसे में रोजगार के मोर्चे पर सरकार के लिए बजट में डबल चुनौती होगी. क्योंकि कोरोना संकट में बड़े पैमाने पर लोग रोजी-रोटी से हाथ धो बैठे हैं. और वो सरकार की तरफ से उम्मीद की नजर से देख रहे हैं. सरकार को इस मसले को लेकर गंभीर दिख रही है. वहीं विपक्ष भी लगातार रोजगार के मोर्चे पर मोदी सरकार को नाकाम करार दिया है.
इसलिए कोरोना महामारी की मार को कम करने के लिए बजट में सरकार ऐसे सेक्टर्स में निवेश पर फोकस कर सकती है, जिनसे ज्यादा रोजगार आता है. इनमें टेक्सटाइल, कंस्ट्रक्शन, एमएसएमई और अफोर्डेबल हाउसिंग शामिल हैं.
इसके अलावा ऑटो इंडस्ट्रीज में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर हैं. सरकार इस सेक्टर को लेकर बजट में कुछ घोषणाएं कर सकती हैं. वैसे भी धीरे-धीरे ऑटो इंडस्ट्रीज कोरोना संकट से बाहर निकलने में कामयाब रहा है. अगर इसे बजट में सरकार का सपोर्ट मिल गया है, तो रोजगार के मोर्च पर यहां से सरकार को थोड़ी राहत मिल सकती है. वहीं बजट में हेल्थ केयर पर ध्यान देकर रोजगार को बढ़ावा दिया जा सकता है.
भारत में सबसे ज्यादा लोग कृषि से जुड़े हैं, देश की 70 फीसदी आबादी के गुजर बसर के इस जरिये ने ही लॉकडाउन में भी लोगों को लाचार नहीं होने दिया था. ऐसे में कृषि सेक्टर को बजट से ऐसे एलानों की उम्मीद है कि जिससे कृषि की विकास दर को नई ऊंचाई पर ले जाने का रास्ता खुल जाए.


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