प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मई-जून से मिलेगा दोगुना राशन

कोरोना संक्रमण के दौरान लॉकडाउन और पाबंदियों से आर्थिक गतिविधियों के धीमे होने का सबसे ज्यादा असर

Update: 2021-04-25 16:08 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: कोरोना संक्रमण के दौरान लॉकडाउन और पाबंदियों से आर्थिक गतिविधियों के धीमे होने का सबसे ज्यादा असर गरीबों पर पड़ रहा है. लिहाजा सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गरीबों का दिया जाना आने वाले अनाज की मात्रा दोगुना करने का फैसला किया है. केंद्र सरकार ने मई और जून 2021 के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 81 करोड़ राशन कार्ड होल्डरों को अतिरिक्त पांच किलो गेहूं और चावल देने का ऐलान किया है. यह राशन उन्हें पहले से दी जाने वाली अनाज की मात्रा के अतिरिक्त होगी

राशन कार्ड होल्डरों को दोगुना राशन मिलेगा
इस योजना के तहत हर महीने पांच किलो मुफ्त अनाज 2 महीने के लिए लगभग 81 करोड़ लोगों को दिया जाएगा. सरकार इस पर 26,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करेगी. फैसले के बारे में बताते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने जोर देकर कहा कि कि जब देश को कोरोना वायरस की दूसरी लहर का सामना करना पड़ रहा है, तो देश के गरीबों को पोषण मिलना चाहिए पिछले साल कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत की थी. लॉकडाउन में आर्थिक गतिविधियां बंद होने के बाद प्रवासी मजदूर घर लौट रहे थे तो उस दौरान यह योजना शुरू की गई थी उनके सामने खाने की उपलब्धता की दिक्कत न हो.
कई राज्यों ने पीएम से योजना शुरू करने को कहा था
दरअसल उत्तराखंड, केरल, राजस्थान सरकार के साथ ही देश के कई नेताओं ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को फिर लागू करने के लिए कहा था. पिछले साल यह योजना काफी लोकप्रिय रही थी. इसके तहत सरकारी गोदाम से उठाया गया पूरा अनाज बांटा गया था. केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने पिछले सप्ताह इस बात के संकेत दिए थे कि सरकार गरीबों को अनाज बांटने की योजना एक बार फिर शुरू कर सकती है. पिछले साल अप्रैल से नवंबर के बीच राज्यों प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 3.22 करोड़ अनाज उठाया था.


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