1 जुलाई से ज्वैलरी बेचने के लिए यूआईडी होगा अनिवार्य असली और नकली गहनों की पहचान होगी

आभूषणों की शुद्धता की पहचान एवं इसके गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए नए नियम बनाए गए हैं. अब हर ज्वैलरी की एक खास पहचान होगी, जिसे यूआईडी में दर्ज किया जाएगा.

Update: 2021-06-28 04:37 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अक्सर ज्वैलरी खरीदते समय लोग असली और नकली में पहचान नहीं कर पाते. खासतौर पर छोटी दुकानों में बिल न देने की वजह से ये काम और मुश्किल हो जाता है, लेकिन अब हर आभूषण की पहचान होगी. इससे सबसे ज्यादा फायदा गोल्ड ज्वैलरी की खरीदारी में होगा. सरकार के नए नियम के तहत अब 1 जुलाई से हर नग की विशिष्ट पहचान (यूआईडी) बनवाना अनिवार्य होगा. इसमें ज्वैलर का कोड और नग की पहचान की डिटेल दर्ज होंगी. इससे ज्वेलरी कब और कहां से खरीदी गई इसकी पूरी जानकारी मिल जाएगी.

इस यूआईडी (UID) को बीआईएस द्वारा बनाए जा रहे मोबाइल एप में फीडकर गहनों से संबंधित सभी डिटेल्स को चेक किया जा सकता है. इससे गहने चोरी के तो नहीं या नकली-असली की सच्चाई भी सामने आ जाएगी. इतना ही नहीं यूआईडी के जरिए दुकानदारों को भी फायदा होगा. इससे वे जान सकेंगे कि इस यूआईडी की ज्वेलरी उन्होंने किस ग्राहक को बेची थी.
हॉलमार्किंग के लिए सितंबर तक वक्त
सोने की शुद्धता की परख के लिए देश के 256 जिलों में गोल्ड ज्वेलरी की हॉलमार्किंग अनिवार्य हो गई है. जिन ज्वैलर्स के पास पुराने गहनों का स्टॉक है उन पर हॉलमार्किंग के लिए सरकार ने 1 सितंबर तक का वक्त दिया है. तब तक किसी भी व्यापारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.
अब चार की जगह होंगे तीन मार्क
ज्वेलरी की हॉलमार्किंग में चार मार्क लगे होते हैं, जिनमें बीआईएस का लोगो, शुद्धता, हॉल-मार्किंग सेंटर और ज्वैलर के बार में जानकारी मौजूद होती है. मगर अब नई यूआईडी आधारित हॉल-मार्किंग में मार्क की संख्या तीन कर दी गई है. इनमें बीआईएस का लोगो, शुद्धता और समग्र सील होगी.
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