डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट बंद होने पर Twitter को हुआ करोड़ो का घाटा
अमेरिका में कैपिटल बिल्डिंग (संसद भवन) में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों द्वारा हिंसा के चलते सोमवार को सोशल मीडिया और दूसरी टेक कंपनियों के शेयरों में तेज गिरावट हुई.
जनता से रिश्ता बेवङेस्क| अमेरिका में कैपिटल बिल्डिंग (संसद भवन) में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों द्वारा हिंसा के चलते सोमवार को सोशल मीडिया और दूसरी टेक कंपनियों के शेयरों में तेज गिरावट हुई.दरअसल इस घटना के बाद ट्विटर ने ट्रंप के ट्विटर खाते, जिसके 8.9 करोड़ फॉलोवर हैं, को स्थाई रूप से बंद करने का ऐलान किया. इस घोषणा के बाद ट्विटर के शेयर 6.4 प्रतिशत गिरकर बंद हुए. कंपनी के शेयर में तेज गिरावट के बाद Twitter को एक दिन में करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ा
ट्विटर ने आशंका जताई थी कि अमेरिकी राष्ट्रपति आगे भी हिंसा भड़का सकते हैं. ट्रंप ने कहा कि वह निकट भविष्य में अपना प्लेटफार्म तैयार करेंगे और चुप नहीं रहेंगे. टेक कंपनियों और खासतौर से सोशल मीडिया कंपनियों पर यह जोखिम भी बढ़ रहा है कि पिछले सप्ताह की घटना के बाद अमेरिकी संसद उन पर शिकंजा कस सकती है.
फेसबुक को भी लगा झटका
कैपिटल बिल्डिंग पर हुए हमले की कुछ चर्चा सोशल मीडिया पर हुई थी और इसकी योजना बनाई गई. ऐसे में ट्विटर और फेसबुक जैसी कंपनियों को दी गई कानूनी सुरक्षा पर नए सिरे से बहस शुरू हो गई है.फेसबुक, जिसने ट्रंप के खाते को 20 जनवरी को और शायद अनिश्चितकाल के लिए निलंबित किया था, के शेयर में भी सोमवार को चार प्रतिशत की गिरावट हुई.
एपल, एमेजॉन पर भी दिखा असर
सैन फ्रांसिस्को में ट्विटर के मुख्यालय के बाहर विरोध हुआ, हालांकि इसे ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया गया, क्योंकि अधिकारी और कर्मचारी लगभग एक साल से घर से काम कर रहे हैं. एपल, एमेजॉन, अल्फाबेट के शेयर भी सोमवार को दो प्रतिशत से अधिक गिरे.
टेक कंपनियों पर भी दिख सकता है असर
बीते कुछ दिनों में सोशल मीडिया पर ऐसी कई घटनाएं देखने को मिली है जो एक बड़े पैमाने पर लोगों को प्रभावित कर रही हैं और कुछ इसका समर्थन कर रहे हैं तो कुछ लगातार इसका विरोध कर रहे हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के फेसबुक और ट्विटर अकाउंट का डिलीट होना और COVID-19 वैक्सीन पर षड्यंत्र का आरोप लगाते हुए ट्विटर द्वारा ईरान के सुप्रीम लीडर का ट्विट डिलीट करने वाली घटनाएं ऐसी ही हैं. अब इन घटनाओं ने बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों के अधिकारों को लेकर बहस को जन्म दे दिया है. उदाहरण के लिए, डोनाल्ड ट्रम्प के अकाउंट के सस्पेंड होने के बाद कई लोग बड़ी टेक कंपनियों पर एक निश्चित विचारधारा को सपोर्ट करने और उस विचारधारा का विरोध करने वालों के खिलाफ बुरा व्यवहार करने का आरोप लगा रहे हैं.