Twitter ने सरकार के कड़े आदेश के बाद ब्लॉक किए 97% अकाउंट, जानें क्या है पूरा मामला

ट्विटर ने आखिरकार सरकार के सख्त आदेश के बाद 90 से 95 प्रतिशत अकाउंट्स को पूरी तरह ब्लॉक कर दिया है.

Update: 2021-02-12 07:05 GMT

ट्विटर ने आखिरकार सरकार के सख्त आदेश के बाद 90 से 95 प्रतिशत अकाउंट्स को पूरी तरह ब्लॉक कर दिया है. इन अकाउंट्स पर आरोप था कि ये किसान आंदोलन को लेकर भड़काऊ ट्वीट्स कर रहे थे. सरकारी सूत्र ने इस खबर की पुष्टि की है. ये फैसला ऐसे समय में आया जब अमेरिका में बैठे वरिष्ठ ट्विटर अधिकारी और भारतीय अधिकारियों के बीच एक आभासी बैठक हुई थी, जहां एक हफ्ते के लंबे झगड़े के बीच ट्विटर ने दंडात्मक कार्रवाई की.


फिलहाल इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि ट्विटर ने कितने अकाउंट्स ब्लॉक किए हैं. भारत ने 1,435 के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. 30 जनवरी को 257 खातों की एक सूची प्रस्तुत की गई, इसके बाद 6 फरवरी को 1,178 का एक और विवरण दिया गया. खातों का विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया है.


ट्विटर ने किया था इनकार
ट्विटर ने 500 से अधिक एकाउंट सस्पेंड किए हैं. हालांकि उसने अभिव्यक्ति की आजादी को अक्षुण्ण रखने की जरूरत का हवाला देते हुए खबरिया निकायों, पत्रकारों, कार्यकर्ताओं एवं नेताओं के एकाउंट पर रोक लगाने से इनकार किया है

सरकार का आदेश
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट को स्पष्ट बता दिया है कि निर्देशों के आधे-अधूरे पालन से काम नहीं चलेगा और भारत में कारोबार करने के लिए उन्हें भारत की संवैधानिक कमेटी के निर्देश का पूरी तरह से पालन करना होगा. अचरज की बात यह है कि मुलाकात से पहले ही ट्विटर की तरफ से फिर से बयान जारी कर दिया गया.

सरकार ने कहा कि अमेरिका में जब कैपिटल हिल को घेरा गया और हिंसा हुई तो ऐसे कृत्य के खिलाफ ट्विटर खड़ा हो गया, लेकिन दिल्ली में हिंसा हुई तो उन्मादी विचारों को हैसटैग के जरिए विस्तार दिया गया. ऐसी घटना के लिए दो पैमाने नहीं चल सकते.

सरकार का दावा है कि इनमें से ज़्यादातर अकाउंट खालिस्तान समर्थकों के हैं या फिर कुछ ऐसे लोगों के भी हैं जो कई महीनों से चल रहे किसान आंदोलन या फिर 26 जनवरी को हुई हिंसा को लेकर दुष्प्रचार कर रहे हैं और ग़लत खबरें और सूचनाएं प्रसारित कर रहे हैं.


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