अप्रैल-जून की तिमाही में सोने के आयात में जबरदस्त वृद्धि, 7.9 अरब डॉलर पहुंचा आंकड़ा

निवेश के लिहाज से शुरू से ही सोने को बेहतर विकल्प माना जाता है. यह देश के चालू खाता घाटे पर भी असर डालता है

Update: 2021-07-25 12:41 GMT

निवेश के लिहाज से शुरू से ही सोने को बेहतर विकल्प माना जाता है. यह देश के चालू खाता घाटे पर भी असर डालता है. कोरोना काल में इसमें कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले. अप्रैल-जून 2021 की तिमाही में आयात में जबरदस्त उछाल आया है. ये कई गुना बढ़कर 7.9 अरब डॉलर (58,572.99 करोड़ रुपये) पर पहुंच गया है.

वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले वित्तीय वर्ष कोराना वायरस के प्रकोप के चलते देशभर में लगाए गए प्रतिबंधों के दौरान सोने का आयात 68.8 करोड़ डॉलर (5,208.41 करोड़ रुपये) तक गिर गया था. वहीं अप्रैल-जून 2021 तिमाही में चांदी का आयात 93.7 प्रतिशत घटकर 3.94 करोड़ डॉलर रहा. मगर मौजूदा वित्त वर्ष में अप्रैल-जून के दौरान सोने के आयात में इतनी वृद्धि से देश का व्यापार घाटा यानी आयात और निर्यात के बीच अंतर बढ़कर लगभग 31 अरब डॉलर हो गया है.
800-900 टन सालाना सोने का होता है आयात
भारत को सोने का सबसे बड़ा आयातक माना जाता है. भारत वार्षिक रूप से 800-900 टन सोने का आयात करता है. यहां आयात मुख्य रूप से आभूषण उद्योग की मांग को पूरी करने के लिए किया जाता है. चालू वित्त वर्ष के पहले तीन महीनों के दौरान रत्न और आभूषण का निर्यात बढ़कर 9.1 अरब डॉलर हो गया, जबकि पिछले वर्ष इसी तिमाही में यह 2.7 अरब डॉलर था.
क्या है सोने की कीमत
सोना खरीदने का यह बेहतर मौका है. सोने के भाव में लगातार गिरावट जारी है. सोना 47526 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया. एक्सपर्ट्स के मुताबिक कीमती धातु की कीमत में गिरावट अस्थायी है. इसलिए निवेशकों को इसे अवसर के रूप में देखना चाहिए. सोने की कीमत जल्द ही पलट जाएगी और ट्रेंड रिवर्सल के बाद एक महीने में ₹48,500 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच जाएगी.


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