खिलौना विनिर्माण क्लस्टर है जो 5000 करोड़ निवेश, 1 लाख रोजगार को उत्पन्न करने में मदद करेगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अक्सर देश में हो रही अच्छी पहलों को प्रोत्साहित करते हैं.

Update: 2021-01-10 09:38 GMT

जनता से रिश्ता बेवङेस्क | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'मन की बात' कार्यक्रम में अक्सर देश में हो रही अच्छी पहलों को प्रोत्साहित करते हैं. इसके साथ ही देश के विकास के लिए स्वदेशी उत्पाद को बढ़ावा देने की अपील करते हैं. चीन के साथ सीमा तनाव के ​दौरान पिछले दिनों उन्होंने 'वोकल फॉर लोकल' का मंत्र दिया था. देशवासियों से भी वे लगातार होने की अपील करते रहे हैं.

उनके इसी मंत्र को अपनाते हुए कर्नाटक सरकार 'खिलौना विनिर्माण क्लस्टर' बनाने जा रही है. पीएम मोदी ने पिछले दिनों मन की बात कार्यक्रम में भी खिलौना क्लस्टर का जिक्र कर चुके हैं. बहरहाल, कर्नाटक सरकार ने बीते शनिवार को जिस क्लस्टर की आधारशिला रखी है, वह कोप्पल जिले के भानापुर गांव में है. इस क्लस्टर में 5,000 करोड़ रुपये तक का निवेश आने की उम्मीद है.

देश का पहला ​खिलौना निर्माण क्लस्टर!

कर्नाटक सरकार का दावा है कि यह देश का पहला खिलौना निर्माण क्लस्टर होगा. इसका निर्माण कार्य इसी वर्ष दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है. कर्नाटक सरकार के मुताबिक यह क्लस्टर 400 एकड़ से अधिक भूमि में फैला होगा. 400 एकड़ भूमि में फैले इस खिलौना विनिर्माण क्लस्टर में 5000 करोड़ रुपये का निवेश आने की उम्मीद है.

100 से अधिक इकाइयां, एक लाख से ज्यादा को रोजगार

दावा किया जा रहा है कि इस क्लस्टर में खिलौना निर्माण की 100 से अधिक इकाइयां होंगी. लगभग 30 हजार लोगों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न करने की क्षमता मिलेगी. वहीं, हजारों लोगों को अप्रत्यक्ष तौर पर काम मिलेगा. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि इस क्लस्टर में परोक्ष रूप से भी लगभग एक लाख नौकरियां सृजित होंगी.

महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा, हर दिन 600 रुपये कमाएंगी महिलाएं

सीएम येदियुरप्पा के मुताबिक खिलौना निर्माण उद्योग में महिलाओं की बड़ी भागीदारी रही है. इसलिए इस क्लस्टर से महिला सशक्तीकरण को भी बढ़ावा मिलेगा. रोजगार में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी. जो महिलाएं प्रति दिन 200 रुपये कमा रही हैं, वे प्रति दिन 600 रुपये कमा सकेंगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिये कर्नाटक सरकार ने उन्हें रात में भी काम करने की अनुमति दी गई है. खिलौना निर्माण उद्योग श्रमिक-उन्मुख है और इसमें अधिकांश श्रमिक महिलाएं होती हैं. इसलिए कोप्पल में शुरू होने वाला यह खिलौना क्लस्टर महिला सशक्तीकरण की दिशा में बड़ा कदम होगा.

खिलौनों का तीसरा सबसे बड़ा बाजार है कर्नाटक

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में खिलौनों के लिए कर्नाटक तीसरा सबसे बड़ा बाजार है. इसका आकार 15.9 करोड़ डॉलर है और देश के खिलौना बाजार में इसकी 9.1 प्रतिशत हिस्सेदारी है. कोप्पल जिले के जिस भानापुर गांव में क्लस्टर का निर्माण होने जा रहा है, वह बेंगलुरु से 365 किमी दूर स्थित है और वहां की आबादी 2,000 से भी कम है.

मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने कहा कि इस साल दिसंबर तक परिसर का निर्माण पूरा होने की उम्मीद है. अगर ऐसा होता है, तो वे उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित करेंगे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' दृष्टिकोण के अनुरूप ही खिलौना निर्माण को बढ़ावा देने के लिए क्लस्टर की आधारशिला रखी गई है.

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