कोयले की घटती आपूर्ति के कारण संकट में ये उद्योग, पीएम से हस्तक्षेप की अपील
नई दिल्ली: गैर-बिजली क्षेत्रों को कोयले की घटती आपूर्ति को लेकर विभिन्न उद्योग संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की अपील की है. गैर-बिजली क्षेत्र का कहना है कि उन्हें रेल के अलावा सड़क और सड़क-सह रेल (RCR) मार्ग से कोयले की आपूर्ति काफी घट गई है, जिसके कई क्षेत्रों के लिए काफी विकट स्थिति पैदा हो गई है.
इन उद्योग संगठनों ने सामूहिक रूप से प्रधानमंत्री को इस बारे में ज्ञापन दिया है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक ज्ञापन में कहा गया है कि उर्वरक विनियमित क्षेत्र के तहत आता है. ऐसे में स्वदेशी स्रोतों से आपूर्ति घटने के कारण इस क्षेत्र को भी काफी नुकसान हो रहा है.
ये उद्योग संकट में
इन उद्योग संगठनों में भारतीय एल्युमीनियम संघ, भारतीय कोयला उपभोक्ता संघ, भारतीय कपड़ा उद्योग महासंघ, इंडियन कैप्टिव पावर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन, स्पॉन्ज आयरन विनिर्माता संघ और भारतीय उर्वरक संघ शामिल हैं.
ज्ञापन में कहा गया है कि बिजली क्षेत्र को कोयला रैक की नियमित आपूर्ति ने देश के बिजली संयंत्रों में शुष्क ईंधन का भंडार बढ़ाने में मदद की है. लेकिन विभिन्न उद्योग संगठनों द्वारा बार-बार मांग किए जाने के बावजूद उन्हें कोयले की आपूर्ति नहीं बढ़ाई गई है. पिछले कुछ हफ्ते से रेल के साथ-साथ सड़क और सड़क-सह-रेल (RCR) मार्ग से आपूर्ति में और कटौती ने ऐसे उपभोक्ताओं का संकट और बढ़ा दिया है.
कोयले पर ये उद्योग निर्भर
इन उद्योग संगठनों का कहना है कि एल्युमीनियम, सीमेंट, स्टील, स्पॉन्ज-आयरन, कागज, उर्वरक, रसायन, रेयान और और उनके खुद के इस्तेमाल वाले बिजली संयंत्र घरेलू कोयला आपूर्ति पर निर्भर हैं. विनिर्माण के लिए वे घरेलू कोयले का ही इस्तेमाल करते हैं और आपूर्ति घटने की वजह से उनका संकट बढ़ रहा है.
वहीं कोल इंडिया ने शनिवार को कहा था कि वह गैर-बिजली क्षेत्र को प्रतिदिन 3.4 लाख टन कोयले की आपूर्ति कर रही है और क्षेत्र को यह कंपनी की आपूर्ति का औसत स्तर है. कोल इंडिया (Coal India) ने यह भी कहा है कि उसके पास पर्याप्त 'बफर स्टॉक' है जिससे इन क्षेत्रों को आपूर्ति बढ़ाई जा सकती है.