WhatsApp यूजर्स के डेटा कलेक्शन पर ये देश लगाएगा BAN, पढ़ें पूरा मामला

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Update: 2021-04-14 12:22 GMT

 इंस्टैंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप ने कुछ महीनों पहले अपने पॉलिसी में बदला किया है जिसे सभी यूजर्स को स्वीकार करना होगा नहीं तो उनका अकाउंट बैन कर दिया जाएगा. इसको लेकर फेसबुक के लिए जर्मनी के प्रमुख डेटा प्रोटेक्शन रेग्यूलेटर ने कहा है कि वह वॉट्सऐप के यूजर्स के पर्सनल डेटा कलेक्शन को रोकने के लिए इस सोशल नेटवर्क कंपनी के खिलाफ कार्रवाई कर रहा था.


रेग्यूलेटर ने कहा कि उसने इस साल की शुरुआत में वॉट्सऐप के नए प्राइवेसी टर्म्स के इंट्रोड्यूस करने के बाद फेसबुक के खिलाफ आपातकालीन कार्यवाही की शुरुआत कर दी थी. दरअसल फेसबुक के स्वामित्व वाले वॉट्सऐप ने इस साल की शुरुआत में अपने यूजर्स को सूचित किया था कि नए डेटा टर्म्स पर सहमति दें या फिर सर्विस का इस्तेमाल करना बंद कर दें. इसके बाद से लगातार इसका विरोध किया जा रहा है.


हैम्बर्ग के डेटा सुरक्षा अधिकारी जोहान्स कैस्पर ने कहा, "हमारे पास इस पर विश्वास करने का कारण है कि वॉट्सऐप फेसबुक के बीच डेटा शेयर करने की नीति को स्वैच्छिक और सूचित सहमति की कमी के कारण लागू किया जा रहा है."

कैस्पर जर्मनी के फेडरेल सिस्टम के तहत फेसबुक के घरेलू निरीक्षण का नेतृत्व करते हैं और उन्होंने कहा कि वो एक फॉर्मल एडमिनिस्ट्रेटिव प्रोसिजर की शुरुआत कर रहे थे जिससे इस अवैध डेटा एक्सचेंज को रोगा जा सके और 15 मई से पहले किसी निर्ण पर पहुंचा जा सके.

WhatsApp के प्रवक्ता ने दिया यह बयान

वहीं एक वॉट्सऐप प्रवक्ता ने कहा कि हमारे हालिया अपडेट में नए विकल्प शामिल हैं, लोगों को वॉट्सऐप पर एक व्यवसाय को संदेश देना होगा, और हम डेटा कैसे इकट्ठा और उपयोग करते हैं, इस बारे में और पारदर्शिता प्रदान करते हैं. यह साफ कर दें कि वॉट्सऐप के नए टर्म ऑफ सर्विस के एक्सेप्ट करने का यूजर फेसबुक के साथ डेटा शेर करने की हमारी भमता में किसी भी तरह की बढ़ोतरी नहीं कर रहा है और यह अपडेट दोस्तों या परिवार वालों के साथ उनके द्वारा किए गए मैसेजेज की प्राइवेसी को प्रभावित नहीं करता है.

जर्मनी के इस रेग्यूलेटर ने फेसबुक के प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर मोर्चा खोल दिया है. वहीं नेशनल एंटीट्रस्ट रेग्यूलेटर पहले से ही डेटा प्रैक्टिसेज को लेकर फेसबुक के साथ कानूनी लड़ाई लड़ रही है. इसमें फेसबुक द्वारा सोशल नेटवर्क मार्केट में अपने प्रभुत्व का गलत इस्तेमाल करने की बात कही गई है.

तीन महीने के बैन की है प्लानिंग

2018 से ही यूरोपियन यूनियन के रूलबुक में ऑनलाइन प्राइवेसी एक सब्जेक्ट है और इसे General Data Protection Regulation (GDPR) नाम दिया गया है. GDPR के तहत आयरलैंड फेसबुक के घरेलू निरिक्षण का काम करता है क्योंकि कंपनी का यूरोपियन हेडक्वार्टर वहां है.

कैस्पर ने कहा कि वह जीडीपीआर में "असाधारण परिस्थितियों" का हवाला देते हुए वॉट्सऐप के यूजर्स डेटा के कलेक्शन पर तीन महीने का बैन लगाने की मांग कर रहे थे. इसे 27 सदस्य राज्यों के नियामकों के समूह यूरोपीय डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड द्वारा इसे बढ़ाया जा सकता है.
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