ब्रॉडबैंड इंटरनेट के लिए हुआ यह करार

मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो सैटेलाइट आधारित ब्रॉडबैंड सर्विस में घुसने जा रही है

Update: 2022-02-14 07:08 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |  मुकेश अंबानी की कंपनी जियो प्लैटफॉर्म्स (Jio Platforms) और दुनिया भर में उपग्रह-आधारित कनेक्टिविटी (Satellite Broadband Services) देने वाली कंपनी एसईएसने सोमवार को जियो स्पेस टेक्नोलॉजी लिमिटेड नाम से एक संयुक्त उद्यम (Jio Platforms Joint Ventures with SES) के गठन की घोषणा की. यह नया ज्वाइंट वेंचर देश भर में सैटेलाइट बेस्ड टेक्नॉलोजी का इस्तेमाल कर किफायती ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान करेगा. जियो प्लैटफॉर्म्स और SES के पास संयुक्त उद्यम में 51 फीसदी और 49 फीसदी हिस्सेदारी होगी. संयुक्त उद्यम मल्टी-ऑर्बिट स्पेस नेटवर्क का उपयोग करेगा. इस नेटवर्क में जियोस्टेशनरी (जीईओ) और मीडियम अर्थ ऑर्बिट (एमईओ) सैटेलाइट्स का इस्तेमाल किया जाएगा. नेटवर्क के मल्टी-गीगाबिट लिंक से भारत समेत पड़ोसी देशों के उद्यम, मोबाइल और खुदरा ग्राहक भी जुड़े सकेंगे.

भारत में सैटेलाइट इंटरनेट बिजनेस में कई कंपनियां एंट्री करने को तैयार हैं. एयरटेल OneWeb के साथ मिलकर सैटेलाइट इंटरनेट में धमाका मचाने की तैयारी में है. वन वेब ने शुक्रवार को कहा था कि उसने 34 सैटेलाइट को अंतरिक्ष में छोड़ा है. वन वेब एक ग्लोबल कम्युनिकेशन कंपनी है. वर्तमान में आर्बिट में इसके 428 सैटेलाइट हैं, जबकि भविष्य में 228 सैटेलाइट लॉन्च करने की तैयारी है.
एलन मस्क की स्टारलिंक भी एंट्री की पूरी तैयारी में
एलन मस्क की स्टारलिंक (Elon Musk Starlink) भी भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस में एंट्री की पूरी तैयारी कर रही है. स्टारलिंक ने 2021 में भी भारतीय बाजार में एंट्री ली थी, लेकिन कानूनी अड़चन के बाद कंपनी को अपने विस्तार को विराम देना पड़ा. भारत में अभी भी स्टारलिंक को आधिकारिक तौर पर लॉन्च नहीं किया गया है.
SES 100 जीबीपीएस क्षमता उपलब्ध कराएगा. जिसको जियो अपने मजबूत सेल्स नेटवर्क से बेचेगा. निवेश योजना के हिस्से के रूप में, संयुक्त उद्यम देश के भीतर सेवाएं प्रदान करने के लिए भारत में व्यापक गेटवे इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करेगा. इस डील के तहत जियो अगले कुछ वर्षों में लगभग 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर के गेटवे और उपकरण खरीदेगा. संयुक्त उद्यम में जहां SES अपने मॉडर्न सैटेलाइट देगा वहीं जियो, गेटवे इंफ्रास्ट्रक्चर का संचालन व प्रबंधन करेगा.
सुदूर इलाकों में इंटरनेट की पहुंच होगी
कंपनी ने बयान में कहा है कि कोविड -19 ने हमें सिखाया है कि नई डिजिटल अर्थव्यवस्था में पूर्ण भागीदारी के लिए ब्रॉडबैंड तक पहुंच जरूरी है. यह संयुक्त उद्यम भारत को डिजिटल सेवाओं से जोड़गा. साथ ही दूरस्थ स्वास्थ्य, सरकारी सेवाओं और दूरस्थ शिक्षा के अवसरों तक पहुंच प्रदान करेगा.
5जी में कंपनी का निवेश जारी रहेगा
जियो के निदेशक आकाश अंबानी ने कहा, "हम अपनी फाइबर-आधारित कनेक्टिविटी और एफटीटीएच बिजनेस के साथ 5 जी में निवेश जारी रखेंगे. दूसरी तरफ एसईएस के साथ यह नया संयुक्त उद्यम मल्टीगीगाबिट ब्रॉडबैंड के विकास को और तेज करेगा. उपग्रह संचार सेवाओं द्वारा प्रदान की जाने वाली अतिरिक्त कवरेज और क्षमता के साथ, जियो दूरस्थ शहरों और गांवों, उद्यमों, सरकारी प्रतिष्ठानों और उपभोक्ताओं को नए डिजिटल इंडिया से जोड़ेगा. हम एसईएस की उपग्रह उद्योग में विशेषज्ञता के साथ जुड़ने पर उत्साहित हैं."
लाखों लोगों के जीवन में आएगा सुधार
एसईएस के सीईओ स्टीव कॉलर ने कहा, "जियो प्लैटफॉर्म्स के साथ यह संयुक्त उद्यम इस बात का एक बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे एसईएस उच्च गुणवत्ता वाले कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए सबसे व्यापक जमीनी नेटवर्क का पूरक हो सकता है, और लाखों लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है. हम इस संयुक्त उद्यम के लिए तैयार हैं."
ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी का होगा विस्तार
प्रेस में जारी बयान में कंपनी ने कहा कि यह संयुक्त उद्यम माननीय प्रधान मंत्री की 'गति शक्ति मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी के राष्ट्रीय मास्टर प्लान' को आगे बढ़ाने का जरिया बनेगा, ताकि बुनियादी ढांचे को मजबूत करके एकीकृत और निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान की जा सके. यह भारतीय नागरिकों के लिए ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी का विस्तार करके, राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति और डिजिटल इंडिया कार्यक्रम में कनेक्ट इंडिया के लक्ष्यों को तेजी से बढ़ाएगा.


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