भारतीय मूल के इन दिग्गज अरपबतियों को है भारत की चिंता, देश की मदद करने आए आगे
सोमवार की सुबह भारत में कोरोना महामारी के कुल 3,52,991 केस दर्ज हुए
सोमवार की सुबह भारत में कोरोना महामारी के कुल 3,52,991 केस दर्ज हुए. यानी की इस महीने लगातार छठे दिन ऐसा हुआ जब इन केसों का आंकड़ा 3 लाख के ऊपर पहुंच गया है. भारत में हेल्थकेयर सिस्टम की हालात बेहद ज्यादा खराब है, ऐसे में दुनिया के दूसरे देश भारत की इस मुश्किल वक्त में मदद करने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं. इसी लिस्ट में अब इंडियन अमेरिकन टेक लीडर्स और अरबपति भी शामिल हो गए हैं.
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने ट्विटर के जरिए इस बात का ऐलान करते हुए 133 करोड़ रुपये की मदद देने की बात कही है. सुंदर पिचाई ने अपने ट्वीट में लिखा कि, भारत में Covid-19 के कारण बिगड़ते हालात को देख कर दुखी हूं. Google और Googlers चिकित्सा सप्लाई के लिए @GiveIndia, @UNICEF को 135 करोड़ रुपये प्रदान कर रहे हैं, जिससे वे लोगों की मदद कर सकें. पिचाई के इस ट्वीट के साथ एक ब्लॉग का लिंक भी दिया गया है जिसमें बताया गया है कि वो इस महामारी से लड़ने में कैसे भारत की मदद करेगा.
माइक्रोसॉफ्ट CEO सत्या नडेला ने भी की मदद
माइक्रोसॉफ्ट सीईओ सत्या नडेला ने भी भारतीयों के लिए मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. सत्या नडेला ने अपने ट्वीट में लिखा कि, मैं भारत की वर्तमान स्थिति से बहुत दुखी हूं. मैं आभारी हूं कि अमेरिकी सरकार मदद करने में जुट गई है. Microsoft राहत प्रयासों में सहायता के लिए अपनी आवाज, संसाधनों और टेक्नोलॉजी का उपयोग करना जारी रखेगा और महत्वपूर्ण ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेशन डिवाइस को खरीदने में मदद करेगा.
गूगल ने भारत के लिए की 135 करोड़ की फंडिंग
गूगल ने भारत के लिए 135 करोड़ रुपये की फंडिंग की घोषणा की है जिसमें Google.org और Google के परोपकारी संस्था द्वारा दिए जा रहे 20 करोड़ रुपये के दो ग्रांट शामिल हैं. पहला नॉन-प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन GiveIndia को दिया जाएगा जो इस महामारी से प्रभावित लोगों को कैश और अन्य सुविधाएं मुहैया करवाएगी.
अमेरिका भी है भारत के साथ
व्हाइट हाउस ने रविवार को कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के नेतृत्व में अमेरिकी प्रशासन कोविड-19 महामारी से लड़ाई में भारत को आपातकालीन सहायता मुहैया कराने के साथ ही कोविशील्ड टीके के भारतीय निर्माता को तत्काल कच्चा माल उपलब्ध कराने को लेकर दिन-रात काम कर रहा है. अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवान और उनके भारतीय समकक्ष अजित डोभाल के बीच फोन पर हुई वार्ता के बाद अमेरिका की ओर से यह निर्णय लिया गया है.