महिला कर्मचारियों को ये कंपनियां दे रहीं लाखों का मेडिकल कवर, अब ज्यादा उम्र में मां बनने में नहीं आएगी मुश्किल
कंपनियां दे रहीं 1 लाख तक मेडिकल कवर
महिलाओं को कार्यक्षेत्र में बढ़ावा देने के मकसद से आजकल कई कंपनियों की ओर से अलग-अलग सुविधाएं दी जाती है. इसी के तहत कुछ कंपनियों में महिलाओं को ज्यादा उम्र में मां बनने को लेकर आने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए मेडिकल कवरेज मुहैया कराया जाता है. इसके तहत उन्हें 50000 से 1 लाख रुपए तक का कवरेज दिया जाता है. इसका लाभ महिलाएं एग फ्रीजिंग में ले सकती हैं. ये एक ऐसी मेडिकल प्रक्रिया जिसके जरिए वो ज्यादा उम्र में भी आसानी से मां बन सकती हैं.
एग फ्रीजिंग को एग हार्वेस्टिंग (Egg Harvesting) नाम से भी जाना जाता है. ये उपचार का एक मंहगा प्रोसेस है. भारत में ये ज्यादा चलन में नहीं है, लेकिन चुनिंदा नामी प्राइवेट कंपनियां इसका लाभ महिला कर्मचारियों को देना चाहता है. इसके लिए सैलरी और इंसेंटिव के अलावा अलग से इसके लिए मेडिकल कवर की सुविधा दी जा रही है. तो क्या है एग फ्रीजिंग और कौन—सी कंपनियां दे रही हैं ये सुविधा जानिए पूरी डिटेल.
30 से 40 की उम्र के बाद भी मां बनना आसान
'एग फ्रीजिंग' (Egg Freezing) प्रक्रिया के तहत महिला के गर्भाशय से हेल्दी एग्स को निकालकर लैब में स्टोर करके रखा जाता है. इसे मेडिकल सुपरविजन में रखा जाता है. बाद में जब भी महिला प्रेग्नेंट होना चाहे तो उन एग्स को फर्टिलाइज करके भ्रूण बनाकर महिला के गर्भाशय में ट्रांसफर किया जाता है. इस प्रक्रिया से महिला को 30 से 40 की उम्र के बाद भी मां बनने में दिक्कत नहीं आती है. एग्स हार्वेस्टिंग पर स्टोरेज के सालाना चार्ज के अतिरिक्त 50000 से 1 लाख रुपये तक का खर्च आ सकता है. इसलिए कई भारतीय कंपनियां अपने महिला कर्मचारियों को ये सुविधाएं दे रही है.
इन कंपनियों ने की पहल
भारत में एसेंचर की एमडी व लीड (HR) लक्ष्मी सी ने एक इंटरव्यू में बताया कि स्टडीज के मुताबिक शहरी भारत में 6 कपल्स में से एक फर्टिलिटी से जुड़ी चुनौतियों का सामना करते हैं. ऐसे में कंपनी में महिला कर्मचारियों को मेडिकल कवर में फर्टिलिटी और सरोगेसी ट्रीटमेंट की सुविधाएं दी जाती हैं. वहीं वीवर्क इंडिया कंपनी में भी महिला कर्मचारियों को ग्रुप मेडिकल पॉलिसी में इनफर्टिलिटी कवर की पेशकश की जातीहै. इसमें एग हार्वेस्टिंग ट्रीटमेंट भी शामिल है. इसके लिए प्रति परिवार 1 लाख रुपये तक का कवरेज मुहैया कराया जाता है. इसी तरह 'बेस्ट कंपनीज फॉर वुमन' की 53 फीसदी कंपनियां ऐसी हैं, जहां इंप्लॉइज और उनके जीवनसाथी के लिए इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट के लिए सपोर्ट उपलब्ध है. जबकि 11 फीसदी कंपनियां एग फ्रीजिंग के लिए मेडिकल कवर की पेशकश करती हैं.
कैसे काम करता है एग फ्रीजिंग
एग फ्रीजिंग के दौरान कम उम्र की महिलाओं को कम एग्स फ्रीज करवाने पड़ते हैं. जबकि बढ़ती उम्र के साथ फ्रीज कराए जाने वाले एग्स की संख्या में भी बढ़ोत्तरी होती है. मान लीजिए अगर महिला 34 साल की है तो उसे करीब 10 एग्स फ्रीज करवाने पड़ेगें, वहीं 37 साल की महिला को मां बनने के लिए इससे दोगुने यानी 20 एग्स फ्रीज करवाने होंगे. ऐसे ही उम्र बढ़ने से साथ स्टोरेज की संख्या भी बढ़ेगी.