बैंकिग और टेलीकॉम शेयरों में होगी जोरदार कमाई

Update: 2022-12-02 12:15 GMT

मुंबई: भारतीय स्टॉक मार्केट की आगे की संभावनाओं को लेकर हम पॉजिटिव हैं। लेकिन महंगा वैल्यूएशन बाजार के लिए थोड़ी चिंता का विषय है। इसके चलते बाजार की अगली तेजी थोड़ी हल्की रह सकती है। ये बातें आईसीआईसी सिक्योरिटीज (ICICI Securities) के पीयूष गर्ग ने मनीकंट्रोल के साथ हुई बातचीत में कही हैं। बाजार इस समय पिछले डेढ़ साल के सीमित दायरे से बाहर निकलता नजर आ रहा है। अमेरिकी डॉलर की मजबूती और महंगाई की चुनौती अब हल्की पड़ती दिख रही है। इसके साथ ही सरकार की तरफ से इंफ्रा और विकास योजनाओं पर बढ़ते खर्च, प्राइवेट कंपनियों द्वारा क्षमता विस्तार और टेक्नोलॉजी के अपग्रेडेशन पर बढ़ते जोर, हाउसिंग मार्केट में आती तेजी बाजार के लिए अच्छे सपोर्ट का काम करेंगे।

कैपिटल मार्केट का लगभग दो दशकों का अनुभव रखने वाले पीयूष गर्ग का मानना है कि आगे हमें सरकारी और प्राइवेट दोनों बैंकों में अच्छी तेजी देखने को मिलेगी। इनको इकोनमी में कर्ज में बढती मांग का फायदा मिलेगा। वित्त वर्ष 2024 में बैंकिंग सेक्टर के क्रेडिट ग्रोथ में 15 फीसदी से ज्यादा की बढ़त देखने को मिल सकती है। पीएसयू बैंकों के पास इस समय काफी अच्छी मात्रा में पूंजी है। तमाम निजी कंपनियों की तरफ से अपनी विस्तार योजनाओं के लिए आ रही कर्ज की मांग से इनको फायदा मिलेगा।

भारतीय बाजार का आउटलुक अच्छा: बाजार पर बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि ग्लोबल मार्केट से आ रही तमाम निगेटिव खबरों को बाजार पचा चुका है। दुनिया की दूसरी करेंसी के मुकाबले डॉलर भी ठंडा पड़ता नजर आ रहा है। आगे यूएस फेड की तरफ से ब्याज दरों में बढ़ोतरी के क्रम में नरमी के संकेत मिल रहे हैं। इसके अलावा घरेलू इकोनॉमी से भी अच्छे संकेत मिल रहे हैं। इनको ध्यान में रखते हुए उम्मीद है कि आगे भारतीय बाजार अच्छा करते नजर आएंगे। लेकिन वैल्यूएशन मंहगे होने के कारण रिटर्न थोड़े हल्के रह सकते हैं।

IT कंपनियों पर पीयूष गर्ग की राय: भारत की लार्जकैप आईटी कंपनियां अमेरिका के आईटी सेक्टर से अलग हैं। आईटी कंपनियों को आम तौर पर एक बास्केट के रूप में देखा जाता है। लेकिन इनके कई अलग-अलग लेयर हैं। यानी लार्ज कैप कंपनियां, स्पेशलाइज्ड मिडकैप कंपनियां और प्रोडक्ट बेस्ड कंपनियां। लार्जकैप आईटी कंपनियों के पास काफी अलग-अलग तरह के ग्राहक होते हैं। बाजार के कैसे भी चक्र में इनको बाजार के अच्छे परफार्म करने वाले सेक्टरों से ऑर्डर मिलते रहेंगे। मिड साइज की स्पेशलाइज्ड आईटी कंपनियों को बाजार के साइकिल से ज्यादा जोखिम रहता है। ऐसे में हम इस समय इन कंपनियों को लेकर सतर्क रहने के पक्ष में हैं। भारत की प्रोडक्ट बेस्ड आईटी कंपनियां बहुत हद तक पश्चिम की Facebooks और Twitters जैसी कंपनियों की तरह ही हैं। इन कंपनियों को डिस्क्रीशनरी खर्च में गिरावट के चलते चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में हमारी इन कंपनियों से दूर रहने की सलाह है।

टेलीकॉम शेयरों में हैं कमाई के मौके: 5G के रोलआउट से टेलीकॉम कंपनियों को होगा कितना फायदा? इस सवाल का जवाब देते हुए गर्ग ने कहा कि आगे हमें इससे काफी फायदे होते नजर आएंगे। जहां तक टेलीकॉम कंपनियों की बात है तो इनके ARPU में पहले से ही बढ़ते देखने को मिल रही है। पिछले साल के 125 रुपये से बढ़कर औसतन 175 रुपये के आसपास आ गई है। आगे हमें टेलीकॉम कंपनियों की तरफ से टैरिफ में और बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। आने वाले वित्तीय वर्ष में हमें टेलीकॉम कंपनियों की ARPUA 300 रुपये की तरफ जाती नजर रही है। आगे टेलीकॉम शेयरों अच्छी तेजी की संभावना है।

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