टाटा स्टील को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाले स्टील मैन ऑफ इंडिया जेजे ईरानी पंचतत्व में विलीन

Update: 2022-11-01 10:28 GMT
जमशेदपुर (आईएएनएस)| स्टीलमैन ऑफ इंडिया के रूप में मशहूर पद्मभूषण टाटा स्टील के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर जेजे ईरानी मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गये। सोमवार रात लगभग दस बजे उन्हौंने जमशेदपुर स्थित टाटा मेन्स हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली थी। 86 वर्षीय ईरानी बीते 6 अक्टूबर को अपने आवास पर गिर गये थे। उनके स्पाइनल कॉड में गहरी चोट आई थी। इसके बाद उन्हें यहां आईसीयू में दाखिल कराया गया था। कोविड और निमोनिया के कारण उनकी स्थिति बिगड़ती चली गई। उनके निधन के वक्त उनकी पत्नी डेजी ईरानी भी हॉस्पिटल में उनके साथ थीं।
जे.जे. ईरानी को टाटा स्टील को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए जाना जाता रहा है। स्टील सेक्टर में बेहद उल्लेखनीय योगदान के चलते ही उन्हें स्टील मैन ऑफ इंडिया के रूप में जाना जाता था। कंपनी में लगभग चार दशकों की सेवा के बाद वह जून 2011 में टाटा स्टील के बोर्ड से रिटायर हुए थे।
वर्ष 1992 में जब उन्होंने टाटा स्टील के एमडी के रूप में कार्यभार संभाला था, तब उदारीकरण के दौर की शुरूआत हुई थी और स्टील उद्योग नई चुनौतियों का सामना कर रहा था। जेजे ईरानी ने टाटा स्टील को दुनिया में सबसे कम लागत में स्टील उत्पादन करने वाली कंपनी के तौर पर विकसित किया।
1958 में नागपुर यूनिवर्सिटी से जियोलॉजी में मास्टर्स के बाद उन्होंने यूके की शेफील्ड यूनिवर्सिटी से 1960 में मेटलर्जी में भी मास्टर्स किया। इसके बाद 1963 में पीएचडी करने के बाद उन्होंने टाटा स्टील में बतौर असिस्टेंट अपना करियर शुरू किया था। डा. ईरानी 1981 में टाटा स्टील के बोर्ड में शामिल हुए और 2001 तक नान एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहे। टाटा स्टील के अलावा वे टाटा संस, टाटा मोटर्स व टाटा टेली सर्विसेज सहित टाटा समूह की कई कंपनियों में डायरेक्टर रहे। 2001 में रिटायरमेंट के बाद भी वे टाटा स्टील के बोर्ड में बने रहे और 2011 में खुद को कंपनी के सभी दायित्वों से मुक्त कर लिया था। ईरानी क्रिकेट भी खेलते थे। वह झारखंड बनने के पूर्व बिहार स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे। स्टांप एवं कॉइन कलेक्शन और कलरफुल कपड़ों के लिए भी वह जाने जाते थे।
टाटा स्टील में काम करते हुए वह हमेशा के लिए जमशेदपुर के होकर रह गये। वे यहां नार्दन टाउन इलाके में रहते थे। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्होंने जिस शहर में पूरी जिंदगी काम किया, वहीं आखिरी सांस लेना चाहते हैं।
उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को पार्वती श्मशान घाट में हुआ। इसके पहले उनके घर पर पारसी रीति रिवाज के अनुसार प्रार्थना और सभी विधान पूरे किए गए। इस मौके पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के अलावा स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन के अलावा अन्य प्रमुख लोग मौजूद थे। वे परिवार में अपने पीछे पत्नी डेजी ईरानी, एक पुत्र जुबिन, नीलोफर और तना को छोड़ गये हैं।
Tags:    

Similar News

-->