PMKSY को वर्ष 2021 से पांच वर्ष बढ़ाकर वर्ष 2026 तक करने के प्रस्ताव को मिली मंजूरी, 22 लाख किसानों को होगा फायदा

22 लाख किसानों को होगा फायदा

Update: 2021-12-15 17:18 GMT
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) को वर्ष 2021 से पांच वर्ष बढ़ाकर वर्ष 2026 तक करने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी. इस पर कुल लागत 93,068 करोड़ रुपए आने का अनुमान है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय किया गया. सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर और जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को 2021-22 से 2025-26 तक जारी रखने को मंजूरी दी है, जिससे करीब 22 लाख किसानों को फायदा होगा, जिसमें 2.5 लाख अनुसूचित जाति और 2 लाख अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसान हैं. सरकारी बयान के अनुसार, इस पर कुल लागत 93,068 करोड़ रुपए आने का अनुमान है.
परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए कार्यक्रम
इसमें कहा गया है कि त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के तहत शामिल नई परियोजनाओं सहित 60 चल रहीं परियोजनाओं को पूरा करने पर ध्यान दिया जाएगा. बयान के अनुसार, हर खेत को पानी खंड के तहत सतही जल स्रोतों के माध्यम से जल निकायों के पुनर्जीवन के तहत 4.5 लाख हेक्टेयर सिंचाई और उपयुक्त ब्लॉकों में भूजल सिंचाई के तहत 1.5 लाख हेक्टेयर की सिंचाई हो सकेगी.
त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम, केंद्र सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है. इसका उद्देश्य सिंचाई परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है. एआईबीपी के अंतर्गत 2021-26 के दौरान कुल अतिरिक्त सिंचाई क्षमता को 13.88 लाख हेक्टेयर तक करना है. चालू 60 परियोजनाओं को पूरा करने पर ध्यान देने के अलावा, जिसमें उनसे सम्बंधित 30.23 लाख हेक्टेयर कमान क्षेत्र विकास भी शामिल है, अतिरिक्त परियोजनाओं को भी शुरू किया जा सकता है. जनजातीय इलाकों और जल्दी सूखे का सामना करने वाले इलाकों की परियोजनाओं कोशामिल करने के मानदंडों में ढील दी गई है.
खेती योग्य भूमि का विस्तार करने के लिए HKKP
हर खेत को पानी (HKKP) का उद्देश्य है कि खेतों तक पहुंच में इजाफा हो और सुनिश्चित सिंचाई के तहत खेती योग्य भूमि का विस्तार हो. एचकेकेपी के तहत लघु सिंचाई और जल स्रोतों के उद्धार-सुधार-बहाली, पीएमकेएसवाई के घटक हैं तथा इनका उद्देश्य है कि अतिरिक्त 4.5 लाख हेक्टेयर रकबे को सिंचाई के दायरे में लाना. जल स्रोतों के उद्धार के महत्त्व के मद्देनजर, मंत्रिमंडल ने शहरी और ग्रामीण इलाकों में जल स्रोतों को दोबारा जीवित करने के लिए वित्तपोषण को मंजूरी दी है.
इस योजना में उन्हें शामिल करने के मानदंडों का विस्तार किया गया है तथा केंद्रीय सहायता को आम क्षेत्रों के हवाले से 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत किया गया है. इसके अलावा एचकेकेपी के भूजल घटक को भी 2021-22 के लिए अस्थायी रूप से मंजूर किया गया. इसका लक्ष्य है 1.52 लाख हेक्टेयर भूमि के लिये सिंचाई क्षमता विकसित करना.
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