Gypsy का पुर्जा-पुर्जा खोलकर वापस जोड़ा, 2 मिनट से कम समय में किया कारनामा

बता दें कि पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा विवाद के समय मारुति सुजुकी ने 700 जिप्सी सेना को पहुंचाई थीं.

Update: 2022-04-09 03:13 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारतीय सेना अपने शौर्य के लिए जानी जाती है और किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए सेना पूरी तरह सक्षम और तैयार है. विषम परिस्थितियों में किसी भी राह का कोई रोड़ा सेना का रास्ता नहीं रोक सकता. इसका उदाहरण हाल में बीएसएफ यानी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स ने दिया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हिमाचल दौरे पर हैं और उनके सामने सेना के जांबाजों ने ये कारनामा किया है. यहां बीएसएफ ने एक वीडियो जारी करके ये दिखाया है कि किस तरह रास्ता बंद होने पर सेना ने पूरी Maruti Gypsy को महज दो मिनट के भीतर पूरी तरह डिस्मेंटल करके दोबारा असेंबल किया है.

सिर्फ 1 मिनट 57 सेकंड में कारनामा

बीएसएफ द्वारा जारी किए गए इस वीडियो में सामने आया है कि राह में बाधा आने पर कैसे जवानों ने मारुति जिप्सी का पुर्जा-पुर्जा अलग किया, फिर इन सभी पुर्जों को बैरियर के पार ले गए और सिर्फ 1 मिनट 57 सेकंड में ही पूरी जिप्सी असेंबल कर दी. लंबे समय तक साथ निभाने के बाद अब भारतीय सेना मारुति जिप्सी का विकप्ल तलाश रही है जो इतना ही दमदार और मजबूत हो. मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) ने लंबे समय पहले इस SUV का उत्पादन भारत में बंद कर दिया है लेकिन भारतीय सेना के लिए कंपनी अबतक इस कार का उत्पादन करती आ रही है. बता दें कि पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा विवाद के समय मारुति सुजुकी ने 700 जिप्सी सेना को पहुंचाई थीं.
क्या है सेना की रिक्वायरमेंट
डिफेंस के सोर्स से जानकारी मिली है कि इस SUV के बदले में नई सॉफ्ट-टॉप 4X4 वाहन के लिए रिक्वेस्ट ऑफ प्रपोजल आने वाले समय में भेजा जा सकता है. भारतीय सेना में फिलहाल 35,000 जिप्सी सर्विस दे रही हैं जिन्हें कई चरणों में हटाया जाएगा. डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल ने हाल में 4X4 हल्के वाहनों की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. सेना शुरुआती चरण में करीब 5,000 नए वाहन खरीदने वाली है और बाकी वाहन जरूरत के हिसाब से कई पड़ावों में खरीदे जाएंगे. सेना की रिक्वायरमेंट के हिसाब से नए वाहन 500 से 800 किग्रा कर्ब वेट वाले होने चाहिए.
कौन सी कंपनियों का है विकल्प
भारतीय सेना की जरूरतों पर खरा उतरने के लिए कई कंपनियों पर विचार किया जा रहा है. सेना इससे पहले टाटा, फोर्स मोटर्स और महिंद्रा की गाड़ियां खरीद चुकी है, ऐसे में आगे खरीदे जाने वाले वाहनों में इन कंपनियों को प्राथमिकता दी जा सकती है. सूत्रों की मानें तो टाटा सफारी को मारुति सुजुकी जिप्सी का विकल्प बनाया जा सकता है. हालांकि ये SUV सेना की जरूरत के हिसाब से ना सिर्फ साइज में बड़ी है, बल्कि बहुत भारी भी है, ऐसे में टाटा मोटर्स इसमें कई बदलावों के साथ सफारी सेना को मुहैया करा सकती है. महिंद्रा की कारों पर भी विचार किया जा रहा है.


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