सरकार को लगाया करोड़ों का चूना, कारोबारियों ने ऐसे किया खेल, जीएसटी फर्जीवाड़े ने

जीएसटी अधिकारियों ने नकली चालान बनाने वाली 23 फर्जी कंपनियों का भंडाफोड़ किया है. इन फर्मों पर सरकार को करीब 551 करोड़ का चूना लगाने का आरोप है.

Update: 2021-07-11 11:05 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जीएसटी अधिकारियों ने 551 करोड़ रुपये के नकली चालान बनाने और 91 करोड़ रुपये के अस्वीकार्य इनपुट टैक्स क्रेडिट को पारित करने में शामिल 23 संस्थाओं के एक नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है. इस बात का खुलासा खुद वित्त मंत्रालय की ओर से किया गया. विभाग के अनुसार विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर, केंद्रीय माल और सेवा कर (सीजीएसटी) आयुक्तालय, दिल्ली (पश्चिम) ने टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के लाभ में घपलेबाजी के मामले का पता लगाया.

इस नेटवर्क में शामिल फर्मों में मेसर्स गिरधर एंटरप्राइजेज, मेसर्स अरुण सेल्स, मेसर्स अक्षय ट्रेडर्स, मेसर्स श्री पद्मावती एंटरप्राइजेज और 19 अन्य शामिल हैं. इन 23 फर्मों का गठन बिना माल की बिक्री के बिल निकालने और आगे आईटीसी देने के लिए किया गया था.
ये संस्थाएं विभिन्न वस्तुओं में काम कर रही थी. इसी के दौरान फर्मों ने 551 करोड़ रुपये के माल-रहित चालान बनाने और लगभग 91 करोड़ रुपये की अस्वीकार्य आईटीसी पास करने का फर्जीवाड़ा किया. इन पर काम करने के तौर-तरीकों में लापरवाही पाई गई. साथ ही कंपनियों पर अस्वीकार्य क्रेडिट का गलत तरीके से लाभ उठाते हुए उसे पारित कराने का आरोप है. इस सिलसिले में विभाग की ओर से आरोपियों पर कार्रवाई की जा रही है.
मंत्रालय का कहना है कि, दिवंगत दिनेश गुप्ता, शुभम गुप्ता, विनोद जैन और योगेश गोयल फर्जी चालान बनाने/बेचने के कारोबार से जुड़े थे. तीनों आरोपियों ने अपना अपराध स्वीकार करते हुए स्वेच्छा से बयान दिया है. लिहाजा तीनों को 10 जुलाई को सीजीएसटी अधिनियम की धारा 132 के तहत गिरफ्तार किया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. इस मसले पर आगे की जांच जारी है. साथ ही दूसरे मामलों की भी छानबीन की जा रही है.


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