बेटियों को पढ़ाने के लिए ड्राइवर बेचने जा रहा था अपनी गाड़ी, फिर हुआ ऐसा की जान कर हो जाओगे हैरान

पिछला साल हर किसी के लिए बेहद मुश्किल था.

Update: 2021-02-24 07:42 GMT

जनता से रिश्ता बेवङेस्क | पिछला साल हर किसी के लिए बेहद मुश्किल था. लिस्ट में सर्विस प्रोवाइडर्स, बिजनेसमैन, आम आदमी और कई ऐसे लोग हैं जिनपर कोरोना की मार पड़ी. एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर के सामने भी कुछ ऐसे ही हालात आ गए थे. कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण ऑटो रिक्शा ड्राइवर को अपनी गाड़ी बेचने की नौबत आ पड़ी थी. इनकम न होने के कारण ड्राइवर अपनी बेटियों को पढ़ा नहीं पा रहा था जिसके बाद उसने अपनी गाड़ी बेचने का फैसला किया. लेकिन तभी शाओमी बीच में आया.

शाओमी ग्लोबल VP और इंडिया के MD मनु कुमार जैन ने तुंरत ट्वीट कर कहा कि, वो ड्राइवर की बेटियों के लिए उनके पढ़ाई का एक साल का खर्च उठाने के लिए तैयार हैं. ट्वीट में मनु ने ड्राइवर की फोटो भी डाली थी जहां इनकी पूरी कहानी भी बताई. बता दें कि बुरे वक्त में अपने परिवार की मदद के लिए ड्राइवर ने लोन भी लिया था.

बेटियों को पढ़ाने के लिए खरीदा था स्मार्टफोन

ड्राइवर की दोनों बेटियां एक ही स्कूल में पढ़ती हैं. कोरोना के कारण स्कूल बंद हुए तो वहीं ऑनलाइन पढ़ाई चालू हो गई. ड्राइवर को ऐसे में अपनी दोनों बेटियों के लिए स्मार्टफोन खरीदना पड़ा. ड्राइवर ने इसके लिए बैंक से पहले तो लोन लिया और फिर अपनी पत्नी का मंगलसूत्र भी बेच दिया. अंत में ड्राइवर के पास उसकी गाड़ी बेचने का ही आखिरी ऑप्शन बचा.

मनु कुमार जैन ने ट्वीट कर कहा कि, शिक्षा का अधिकार सभी को है. हमें ड्राइवर के बारे में जानकारी मिली जो अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए अपना ऑटो बेचने के लिए तैयार हो गए थे. हम काफी खुश हैं कि हम उनकी दोनों बेटियों की पढ़ाई के लिए उनका एक साल तक सपोर्ट कर रहे हैं.

बता दें कि शाओमी ने ऐसा पहली बार नहीं किया है. पिछले महीने कंपनी ने सोनू सूद के कैंपेन को सपोर्ट करने के लिए गरीब बच्चों की मदद की थी. शाओमी ने उस दौरान बच्चों के लिए हजारों रेडमी स्मार्टफोन्स डोनेट किए थे.

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