कच्चा तेल महंगा होने से कंपनी का बेस्ट बढ़ा, कर्मचारियों की बढ़ जाएगी 50 पर्सेंट सैलरी

Coal India में करीब 2.56 लाख वर्कर्स यानी नॉन एग्जिक्युटिव एंप्लॉयी काम करते हैं. हर पांच साल पर इनको मिलने वाले वेज में बढ़ोतरी होती है.

Update: 2021-08-18 13:05 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Coal India wage hike: भारत की सबसे बड़ी कोल माइनर Coal India में काम करने वाले वर्कर्स की सैलरी में 50 फीसदी की बढ़ोतरी की जा सकती है. ट्रेड यूनियन ने वहां काम करने वाले वर्कर्स के वेज में 50 फीसदी का इजाफा करने की मांग की है. ट्रेड यूनियन का कहना है कि कंपनी का प्रॉफिट आने वाले दिनों में बढ़ने वाला है. कंपनी प्रोडक्शन बढ़ाने पर जोर दे रही है और स्टॉफ की संख्या लगातार घट रही है. ऐसे में हमारा वेज बढ़ाया जाए.

कोल इंडिया वर्कर्स के लिए काम कर रहे ट्रेड यूनियन सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन के सेक्रेटरी डीडी रामनंदन ने मिंट से बातचीत में कहा कि कंपनी के मैनेजमेंट के साथ एक चरण की बातचीत हो चुकी है. आने वाले दिनों में सैलरी में बढ़ोतरी को लेकर आगे की चरण की भी बातचीत होगी. कोल इंडिया हर पांच साल पर अपने नॉन-एग्जिक्युटिव स्टॉफ की सैलरी में बढ़ोतरी करती है. इस बार वर्कर्स वेज में 50 फीसदी की बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं. पहले चरण की बैठक में मैनेजमेंट वेज में 20-25 फीसदी तक बढ़ोतरी को तैयार है.

कच्चा तेल मंहगा होने से कंपनी का कॉस्ट बढ़ा

अगर कोल इंडिया अपने नॉन एग्जिक्युटिव वर्कर्स के वेज में इतनी बढ़ोतरी को तैयार हो जाती है तो इसका असर भारत के एनर्जी सेक्टर पर दिखाई देगा. कंपनी अपने बढ़ने वाले खर्च की भरपाई के लिए कोयले की कीमत में बढ़ोतरी का फैसला कर सकती है. इंटरनेशनल मार्केट में तेल का भाव बढ़ रहा है. ऐसे में कोल इंडिया के पास यह विकल्प भी है कि वह कोयले का रेट बढ़ाए और अपनी वित्तीय हालत में सुधार लाए.

2.56 लाख वर्कर्स करते हैं काम

इधर ट्रेड यूनियन का कहना है कि कंपनी हर साल नॉन एग्जिक्युटिव एंप्लॉयी की छंटनी कर रही है. प्रोडक्शन लगातार बढ़ाया जा रहा है. ऐसे में हमारे वेज में इतनी बढ़ोतरी वाजिब है. कोल इंडिया के साथ करीब 2 लाख 56 हजार वर्कर्स काम करते हैं. हर साल करीब 5 फीसदी एंप्लॉयी रिटायर हो रहे हैं. कंपनी ने वित्त वर्ष 2020-21 में एंप्लॉयी की सैलरी पर कुल 38 हजार 700 करोड़ रुपए (5.2 बिलियन डॉलर) खर्च किए. यह कंपनी के टोटल रेवेन्यू का करीब 43 फीसदी है. मार्च 2024 तक कंपनी ने 100 करोड़ टन सालाना कोयले उत्पादन का लक्ष्य रखा है. वित्त वर्ष 2020-21 के मुकाबले यह 68 फीसदी ज्यादा है.

प्रोडक्शन में तेजी लाने के लिए कंपनी का मेगा प्लान

कंपनी प्रोडक्शन में तेजी लाने के लिए लगातार बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है. इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के भाव में तेजी से इसका ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट लगातार बढ़ रहा है. कोल इंडिया के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि डीजल की कीमतों में तेज वृद्धि के कारण अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी को 700 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ.

कंपनी को पहली तिमाही में 700 करोड़ का नुकसान

कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने हाल ही में कंपनी की आय-व्यय संबंधी कॉन्फ्सें कॉल में कहा, ''समीक्षाधीन तिमाही में हमें लगभग 700 करोड़ रुपए का नुकसान हुआॉ, क्योंकि इस दौरान डीजल की कीमतों में लगभग 35 फीसदी की वृद्धि हुई. यह 66-67 रुपए के दायरे में था और अब 89 रुपए के आसपास है. यह बढ़ी वृद्धि है.''

1500 इलेक्ट्रिक वाहनों को बेड़े में शामिल करेगी कंपनी

कोल इंडिया अपनी डीजल से चलने वाली भारी मशीनरी को LNG से चलने वाले उपकरणों से बदलने और कार्बन उत्सर्जन में कटौती करने के लिए अगले पांच वर्षों के दौरान अपने बेड़े में 1,500 इलेक्ट्रिक वाहनों को जोड़ने की योजना बना रहा है. अग्रवाल ने यह भी कहा है कि कोल इंडिया की लागत बढ़ गई है और ऐसा कोई कारण नहीं है कि खनन क्षेत्र को कोयले की कीमत में वृद्धि नहीं करनी चाहिए. कोल इंडिया अगले पांच साल के दौरान ढाई लाख टन के करीब कार्बन उन्मूलन के लिए प्रयास कर रही है. उसने सीएनबी का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल शुरू करने से पहले गेल इंडिया के साथ कुछ खनन क्षेत्रों में शुरुआती परियोजना लगाने की भी पहल की है.

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