नई दिल्ली: रूस से किसी तरह के संबंध न रखने को लेकर अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की ओर से बनाए जा रहे दबाव में बेशक भारत अभी तक न आया हो, लेकिन भारत की एक कंपनी इस दबाव में आ गई है और उसने अब रूस से अपना कारोबार समेटने का फैसला किया है. दरअसल, भारत की सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस ने बुधवार को यह ऐलान किया कि वह अपना कारोबार रूस से बाहर लेकर जा रही है.
क्या कहा कंपनी ने इस बारे में
इंफोसिस के सीईओ सलिल पारेख ने बताया कि, रूस में हमारे जितने भी सेंटर हैं, उन सभी जगहों से हमने अपना पूरा कारोबार रूस से बाहर ले जाना शुरू कर दिया है. रूस में अब हमारे 100 से भी कम कर्मचारी रह गए हैं. हम किसी भी रूसी कंपनी के साथ काम नहीं कर रहे हैं.
क्यों इंफोसिस ने उठाया यह कदम
बता दें कि रूस के साथ भारत के संबंध बहुत अच्छे रहे हैं. भारत ने अभी तक रूस और यूक्रेन युद्ध में रूस के खिलाफ कुछ भी नहीं बोला है. इस वजह से अमेरिका औऱ अन्य देश भारत पर दबाव भी डाल रहे हैं. यही नहीं रूस ने भारत को कम दाम पर कच्चे तेल का ऑफर दिया था, जिसे भारत ने स्वीकार किया था. इसे लेकर भी दबाव बनाया गया, लेकिन भारत नहीं झुका. अब सवाल उठता है कि अचानक फिर एक कंपनी इस तरह क्यों अपना कारोबार समेटकर बाहर आ रही है. इसके पीछे कंपनी का ब्रिटेन कनेक्शन है, जिसने कंपनी को यह कदम उठाने को मजबूर किया है.
बेटी और दामाद पर उठ रहे थे सवाल
दरअसल, इंफोसिस के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह कंपनी के संस्थापक एन नारायण मूर्ति के दामाद और उनकी बेटी को लेकर ब्रिटेन में उठ रहे सवाल हैं. नारायण मूर्ति के दामाद ऋषि सनक ब्रिटेन के वित्त मंत्री हैं. ऋषि सनक की पत्नी और नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति की इन्फोसिस में करीब 1 बिलियन डॉलर की हिस्सेदारी है. ब्रिटिश वित्तमंत्री ऋषि सनक पर पत्नी अक्षता मूर्ति की इन्फोसिस में हिस्सेदारी के जरिये रूस से आर्थिक लाभ कमाने के आरोप लग रहे हैं. विपक्षी दल उनसे इस्तीफा मांग रहे हैं. बताया जा रहा है कि इस विवाद को खत्म करने के लिए कंपनी ने यह कदम उठाया है.