फ्रीलांस से कमाई पर भी देना होगा टैक्स, जानें क्या है आयकर विभाग का गणित
फ्रीलांसिंग का काम सेवा के दायरे में आता है। ऐसे अधिकांश सेवाओं पर 18% जीएसटी लगता है। अगर फ्रीलांसर की सालाना कमाई 20 लाख से ज्यादा है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। महामारी के बाद कामकाज के बदलते माहौल में हर क्षेत्र में फ्रीलांसर की मांग बढ़ रही है। फ्रीलांस के रूप में काम कर अगर आप अच्छी खासी कमाई करते हैं तो यह कमाई भी टैक्स के दायरे में आती है। इस टैक्स में आयकर और जीएसटी दोनों लागू होते हैं। 2020-21 के लिए आईटीआर भरने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर, 2021 है।
आयकर कानून के मुताबिक, किसी की बौद्धिक या शारीरिक क्षमताओं के आधार पर अर्जित कमाई एक पेशे से प्राप्त आय मानी जाती है। इस पर बिजनेस या पेशा से मुनाफा एवं गेन मानकर टैक्स लगता है। आय की गणना आयकर कानून की धारा-44एडीए के तहत होती है। बशर्ते उसकी कुल रिसिप्ट 50 लाख रुपये से कम होनी चाहिए। यदि कोई इस धारा के तहत आता है तो उसे ऑडिट कराने की जरूर नहीं है।
कमाई 20 लाख से ज्यादा तो 18 फीसदी जीएसटी
फ्रीलांसिंग का काम सेवा के दायरे में आता है। ऐसे अधिकांश सेवाओं पर 18% जीएसटी लगता है। अगर फ्रीलांसर की सालाना कमाई 20 लाख से ज्यादा है तो उसे जीएसटी देना पड़ेगा। पूर्वोत्तर राज्यों में यह लिमिट 10 लाख रुपये है।
ज्यादातर कंपनियां काटती हैं टीडीएस
ज्यादातर कंपनियां फ्रीलांसर के शुल्क से टीडीएस काट लेती हैं। आईटीआर भरते इस पर दावा कर सकते हैं। फॉर्म 26एएस से काटे गए टीडीएस की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।