Tata 1MG franchise: टाटा ग्रुप का पार्टनर बनें केवल 10 हजार रुपए लगाकर, हर महीने होगी मोटी कमाई
1MG बहुत तेजी से देश के कोने-कोने में अपने बिजनेस का विस्तार कर रहा है. ऐसे में इसकी फ्रेंचाइजी लेकर बिजनेस शुरू करना एक शानदार आइडिया साबित हो रहा है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Tata 1MG franchise: हेल्थकेयर और फार्मेसी एक ऐसा सेक्टर है जहां कभी क्राइसिस का सामना नहीं करना पड़ता है. अगर आप फार्मेसी संबंधी बिजनेस ग्रामीण और सुदूर इलाकों में भी खोलते हैं तो आपका बिजनेस हर हाल में चलेगा और इससे अच्छी कमाई भी होगी. ऑनलाइन फार्मेसी 1MG का नाम तो सुना ही होगा. इसकी मदद से फूड की तरह घर बैठे दवाई भी ऑर्डर कर सकते हैं. ई-फार्मेसी 1MG में फिलहाल टाटा डिजिटल के पास बड़ी हिस्सेदारी है.
1MG बहुत तेजी से देश के कोने-कोने में अपने बिजनेस का विस्तार कर रहा है. ऐसे में इसकी फ्रेंचाइजी लेकर बिजनेस शुरू करना एक शानदार आइडिया साबित हो रहा है और हजारों लोग इस फ्रेंचाइजी की मदद से अच्छी कमाई भी कर रहे हैं. इसके लिए टाटा ग्रुप की तरफ से एक प्रोग्राम लॉन्च किया गया है जिसका नाम है 'Sehat ke Sathi'. यह एक तरीके से लीड जेनरेशन प्रोग्राम है. इस प्रोग्राम के तहत आपको एक एरिया दे दिया जाएगा जहां आपको 1MG के लिए नए कस्टमर खोजने होंगे. इस तरह आप कंपनी के लिए जितने कस्टमर बनाएंगे, आपको उतना ज्यादा कमिशन मिलेगा.
मेडिकल शॉप खोलने के लिए चाहिए फार्मेसी की डिग्री
अगर आप मेडिकल शॉप खोलना चाहते हैं तो फार्मेसी की डिग्री जरूरी है और इसके लिए इन्वेस्टमेंट भी ज्यादा है. ड्रग लाइसेंस लेना बहुत ही कठिन काम होता है. ऐसे में 1एमजी के सेहत के साथी प्रोग्राम से मेडिकल शॉप ओनर के साथ साथ कोई भी जुड़ सकता है. यह पूरी तरह एक एफिलिएटेड प्रोग्राम है जिसमें आपके संपर्क से जितने लोग 1एमजी के साथ जुड़ेंगे, आपको उस पर कमिशन मिलेगा.
केवल 10 हजार का इन्वेस्टमेंट
अगर आप भी सेहत का साथी बनना चाहते हैं तो इसके लिए 10 हजार का इन्वेस्टमेंट है. इसके बदले आपको एक ब्लड प्रेशर चेक करने की मशीन, शुगर चेक करने की मशीन और 500 विजिटिंग कार्ड मिलेंगे. आपको मिलने वाला कमिशन अमूमन वैल्यु का 10 फीसदी होता है. यह ज्यादा कम भी हो सकता है. वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक 1एमजी के इस प्रोग्राम से 100 से ज्यादा साथी जुड़ चुके हैं.
तेजी से फैल रहा ई-फार्मेसी का कारोबार
फ्यूचर के लिहाज से ऑनलाइन फार्मेसी बहुत ही अच्छा सेक्टर है. कुछ रिपोर्ट में दावा किया गाय है कि भारत का ई-फार्मेसी बिजनेस 2023 तक 2.7 अरब डॉलर यानी करीब 17 हजार करोड़ रुपए का हो जाएगा. वर्तमान में यह 360 मिलियन डॉलर यानी 2500 करोड़ का है.
1एमजी का इतिहास
प्रशांत टंडण और गौरव अग्रवाल ने मिलकर 2015 में 1MG की स्थापना की थी. इसकी वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, यहां ऑनलाइन डॉक्टर, ऑनलाइन दवाई, लैब टेस्ट और लैब ब्लड टेस्ट जैसी तमाम मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध हैं. यहां अंग्रेजी के साथ-साथ आयुर्वेद दवाइयां भी उपलब्ध हैं. इसके अलावा इस समय कोरोना संबंधी जांच और कंसल्टेशन की सुविधाएं भी इस प्लैटफॉर्म पर मौजूद है. 1MG इस समय देश के 1800 से ज्यादा छोटे और बड़े शहरों में हेल्थ प्रोडक्ट की डिलिवरी करता है. इस प्लैटफॉर्म की मदद से अब तक 27 मिलियन यानी 2.7 करोड़ ऑर्डर डिलिवर किए जा चुके हैं.