सुजुकी मोटर भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण के लिये करेगी 1.26 अरब डॉलर का निवेश

जापानी वाहन निर्माता सुजुकी मोटर (Suzuki Motor) कॉरपोरेशन ने भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) और बैटरी के निर्माण के लिए 1.26 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना बनाई है.

Update: 2022-03-19 18:58 GMT

जापानी वाहन निर्माता सुजुकी मोटर (Suzuki Motor) कॉरपोरेशन ने भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) और बैटरी के निर्माण के लिए 1.26 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना बनाई है. गुजरात में सुजुकी की ऑटोमोबाइल विनिर्माण इकाई के पास बैटरी संयंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव है और नए संयंत्र पर कुल निवेश (Investment) लगभग 150 अरब येन यानि करीब 1.26 अरब डालर होने का अनुमान है, कंपनी इस निवेश के जरिये और भारत में ईवी के उत्पादन को बढ़ाएगी. ये जानकारी निक्केई बिजनेस की रिपोर्ट में दी गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि निवेश प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा की बैठक के दौरान घोषित जापानी निवेश का हिस्सा है. रिपोर्ट पर सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन (एसएमसी) की सहायक कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई.

अक्टूबर 2019 में हुआ था समझौता
अक्टूबर 2019 में, ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स पावर प्राइवेट लिमिटेड (ऐआपीपीएल) और जापान के तोशीबा कॉर्पोरेशन , डेंसो कॉर्पोरेशन और एसएमसी के बीच एक संयुक्त उद्यम ने अहमदाबाद जिले के हंसलपुर में लिथियम-आयन बैटरी प्लांट के लिए दो चरणों में 4,930 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए गुजरात सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे. यह विशेष रूप से भारत में ईवी क्षेत्र में प्रवेश करने की सुजुकी समूह की योजना का एक हिस्सा है. मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा है कि कंपनी 2025 तक अपने इलेक्ट्रिक वाहन को लॉन्च कर सकती है.
भारत और जापान के बीच समझौतों का ऐलान
भारत और जापान ने शनिवार को अपनी द्विपक्षीय साझेदारी के विस्तार के हिस्से के रूप में इलेक्ट्रिक वाहनों, बैटरी, चार्जिंग स्टेशनों और सौर ऊर्जा के विकास सहित स्टोरेज प्रणालियों के क्षेत्रों में सहयोग की घोषणा की. अपनी स्वच्छ ऊर्जा भागीदारी (सीईपी) के तहत, दोनों देशों ने इलेक्ट्रिक वाहनों, बैटरी सहित भंडारण प्रणालियों, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, सौर ऊर्जा के विकास जैसे क्षेत्रों में सहयोग की घोषणा की. दोनो देशों के एक संयुक्त बयान में कहा गया, "इसका उद्देश्य भारत में विनिर्माण को प्रोत्साहित करना, इन क्षेत्रों में भरोसेमंद आपूर्ति श्रृंखलाओं का निर्माण करना और साथ ही अनुसंधान एवं विकास में सहयोग को बढ़ावा देना है. जापान ने शनिवार को मोदी और किशिदा के बीच बातचीत के बाद अगले पांच वर्षों में भारत में पांच ट्रिलियन येन (3,20,000 करोड़ रुपये) के निवेश लक्ष्य की घोषणा की.


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