मंगलवार को जारी हुई सर्वे की रिपोर्ट, 9.4 प्रतिशत की दर से होगी वेतन वृद्धि, कंपनियों को नए सिरे से बनानी होगी रणनीति

कोरोना महामारी के झटके के बावजूद भारतीय कंपनियां इस साल अपने कर्मचारियों के वेतन में औसतन 8.8 प्रतिशत की वृद्धि करेंगी

Update: 2021-09-08 02:53 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus) की दूसरी लहर के झटके के बावजूद भारतीय कंपनियों ने जबर्दस्त जुझारू क्षमता का प्रदर्शन किया है. एक सर्वे में कहा गया है कि महामारी के झटके के बावजूद भारतीय कंपनियां इस साल अपने कर्मचारियों के वेतन में औसतन 8.8 प्रतिशत की वृद्धि (Salary Hike) करेंगी. वहीं अगले साल यानी 2022 में वेतन वृद्धि 9.4 प्रतिशत रहेगी.

मंगलवार को जारी हुई सर्वे की रिपोर्ट

एऑन की ओर से मंगलवार को 26वें वार्षिक वेतन वृद्धि सर्वे (Aon 26th Annual Salary Increase Survey) का परिणाम जारी किया गया. सर्वे के अनुसार, 2022 को लेकर ज्यादातर कंपनियां आशान्वित हैं. अगले साल 98.9 प्रतिशत कंपनियां अपने कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी करेंगी. वहीं 2021 में 97.5 प्रतिशत कंपनियों ने कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने (Salary Hike) की बात कही है.

सर्वे में कहा गया है कि विभिन्न सेक्टरों का रुख पॉजिटिव है और भारतीय कंपनियां फिर से ग्रोथ (Salary Hike) की राह पर चल पड़ी हैं. अधिकतर कंपनियों का मानना है कि 2021-22 में वेतन वृद्धि 2018-19 के स्तर पर पहुंच जाएगी.

9.4 प्रतिशत की दर से होगी वेतन वृद्धि

एऑन के ह्यूमन कैपिटल बिजनेस में भागीदार रूपंक चौधरी ने कहा, 'यह वित्तीय सेहत और अर्थव्यवस्था में तेजी का मजबूत संकेत है. स्पष्ट रूप से चीजें पहले के मुकाबले बेहतर हो रही हैं. वर्ष 2020 में वेतन वृद्धि 6.1 प्रतिशत रही थी. 2021 में इसके 8.8 प्रतिशत और 2022 में 9.4 प्रतिशत पर पहुंचने की उम्मीद है. यह 2018 और 2019 के महामारी से पहले के स्तर के बराबर होगा.'

सर्वे में कहा गया है कि महामारी की वजह से कंपनियों की डिजिटल रेस तेज हो गई है. इससे शॉर्ट पीरियड में डिजिटल प्रतिभाओं को अपनी ओर खींचने के लिए 'जंग' छिड़ी है. इससे इंप्लाईज पर वेतन (Salary Hike) का बजट बढ़ रहा है. साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में नौकरी बदलने वालों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है.

कंपनियों को नए सिरे से बनानी होगी रणनीति

रूपंक चौधरी ने कहा कि कंपनियों को अपनी प्रतिभा रणनीति को नए सिरे से परिभाषित करना होगा. जिससे वे इस 'जंग' में टिकी रह सकेंगी. उन्होंने कहा कि परंपरागत और गैर-परंपरागत क्षेत्रों की भारतीय कंपनियां अपनी डिजिटल प्रेजेंस को बढ़ाने के लिए निवेश कर रही हैं. जिससे वे अपनी वृद्धि की रफ्तार को कायम रख सकें.

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