नवंबर में सभी शुगर मिलों में शुरू हो जाएगी गन्ना क्रशिंग
हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने कहा है कि हरियाणा में गन्ना किसानों (sugarcane farmers) को उनकी फसल का पूरा भुगतान किया जा चुका है
हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने कहा है कि हरियाणा में गन्ना किसानों (sugarcane farmers) को उनकी फसल का पूरा भुगतान किया जा चुका है. सभी सहकारी मिलों द्वारा किसानों को उनकी गन्ने की अदायगी (Payment) कर दी गई है. नवंबर के पहले सप्ताह में सभी शुगर मिलों में क्रशिंग का कार्य शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने गन्ना किसानों को आश्वस्त करते हुए कहा कि जिस तरह गत सीजन के दौरान किसानों को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आने दी गई थी, उसी प्रकार आगामी सीजन के दौरान भी गन्ना किसानों को कोई दिक्कत नहीं होगी. हरियाणा में 11 चीनी मिलें हैं.
डॉ. बनवारी लाल ने गन्ना किसानों से अपील की है कि वे डिस्टेंस पर गन्ने की बुआई करें. ताकि हार्वेस्टर द्वारा गन्ने की फसल की सही कटाई की जा सके. उन्होंने कहा कि हार्वेस्टर से गन्ने की कटिंग करने से खर्चा कम आएगा, जिससे किसानों को लाभ होगा. सभी चीनी मिलों के प्रबंध निदेशकों को मिलों के मेंटेनेंस कार्य को 30 सितंबर तक पूरा करने के निर्देश दे दिए गए हैं, ताकि गन्ने की पिराई के समय कोई समस्या न आए.
सबसे ज्यादा रेट देने का दावा
सहकारिता मंत्री ने दावा किया कि हरियाणा प्रदेश में गन्ने का सबसे अधिक रेट (sugarcane price) दिया जा रहा है. हमारी चीनी मिलें अच्छा काम कर रही है, जिसके चलते प्रदेश भर में चीनी का रेट 35-36 रुपये है. इसी तरह सीरा का रेट भी 1100-1200 क्विंटल है. इससे मिल को फायदा होगा, जिसका लाभ सीधा किसानों को मिलेगा.
बायोफ्यूल बनाने के प्रस्ताव के साथ संपर्क में कंपनियां
शुगरफैड के मैनेजिंग डायरेक्टर जितेंद्र कुमार ने बताया कि प्रेस-मड से बायोफ्यूल बनाने के प्रस्ताव के साथ कई बड़ी कंपनियों ने सरकार से संपर्क किया है. इस पर विचार किया जा रहा है. प्रेस-मड गन्ने की पिसाई से बनने वाला जैव उत्पाद है. उधर, सार्वजानिक उपक्रम ब्यूरो के चेयरमैन सुभाष बराला ने कहा है कि गन्ना उगाने वाले किसानों के स्वायल हेल्थ कार्ड बनाये जाएंगे. गन्ने की बेहतर और उपजाऊ फसल के प्रति जागरूक किया जाएगा.
एरिअल इरीगेशन अपनाने का आह्वान
बराला ने किसानों से प्रदेश में गन्ने और चीनी की पैदावार में वृद्धि के लिए नई तकनीक अपनाने का आह्वान किया है. नए-नए तरीकों जैसे एरिअल इरीगेशन से फसल की बेहतरीन पैदावार करने पर बल दिया जाना चाहिए, इनमें ड्रोन इरीगेशन भी शामिल है. उन्होंने मल्टी क्रॉपिंग सिस्टम को अपनाने की बात भी की. कहा कि किसान गोष्ठियों के जरिए किसानों में गन्ने की बेहतर पैदावार के बारे में जागरूकता लाई जा सकती है.