देश में 3डी प्रिंटिंग तकनीक का सफल परीक्षण, L&T ने कर दिखाया ये कारनामा
लार्सन एंड टुब्रो ने टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में बेमिसाल परचम लहराया है.
लार्सन एंड टुब्रो (L&T) ने देश में 3डी प्रिंटिंग तकनीक का सफल परीक्षण करते हुए पहला मकान बनाया है. ये मकान 700 वर्गफीट में फैला हुआ और दो मंजिला है. आपको बता दें निर्माण क्षेत्र में 3डी प्रिंटिंग तकनीक के विकास से काफी फायदा होगा. क्योंकि सरकार 2022 तक पूरे देश में सभी को घर देने के लिए 6 करोड़ मकान बना रही है. जिससे इस योजना को समय पर पूरा किया जा सकेगा. वहीं इस तकनीक से इन मकानों के निर्माण की लागत भी कम आएगी. आइए जानते है लार्सन एंड टुब्रो ने 3डी प्रिंटिंग तकनीक से किस तरह से पहली इमारत बनाई.
फुली ऑटोमैटेड 3डी प्रिंटर ने तैयार किया मकान- लार्सन एंड टुब्रो के अधिकारियों ने बताया कि, इस उपलब्धि से बड़े पैमाने पर मकान बनाने की योजना को गति मिलेगी. वहीं उन्होंने बताया कि कंपनी ने अपनी कांचीपुरम फसिलिटी में 3डी प्रिंटिंग तकनीक का इस्तेमाल करके दो मंजिला मकान बनाया है. लार्सन एंड टुब्रो के अनुसार इस मकान को बनाने में खास किस्म के कंक्रीट मिक्सचर का इस्तेमाल किया है. जिसे कंपनी ने रेगुल कंस्ट्रक्शन मैटीरियल से ही विकसित किया है. वहीं उन्होंने बताया की मकान में केवल हॉरिजेंटल स्लैब्स को छोड़कर पूरी बिल्डिंग 3डी प्रिंटिंग तकनीक से बनाई गई है. जिसके लिए कंपनी ने फुली ऑटोमैटेड 3डी प्रिंटर का इस्तेमाल किया था.
मकान बनाने में लगे 106 प्रिंटिंग घंटे- लार्सन एंड टुब्रो के अनुसार इस मकान को बनाने में 106 प्रिंटिंग घंटे लगे. 3डी प्रिंटिंग प्रोसेस के बारे में बताते हुए कहा कि, इसमें 3 डाइमेंशनल प्रोडक्ट बनाने के लिए मटीरियल को कंप्यूटर कंट्रोल के तहत लेयर बाई लेयल प्रिंट किया जाता है. इसका इस्तेमाल मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज़ में रैपिड प्रोटोटाइप्स, कॉम्प्लेक्स शेप्स और स्मॉल बैच प्रोडक्शन को प्रिंट करने के लिए किया जाता है.
इसके लिए स्पेशल पॉलीमर्स और मेटल अलॉय का इस्तेमाल किया जाता है. कंक्रीट के साथ 3डी प्रिंटिंग पर अभी दुनियाभर में काम हो रहा है. इससे पहले पिछले साल नवंबर में टीम ने 3डी प्रिंटिंग की मदद से 240 वर्ग फीट में एक बेडरूम का अपार्टमेंट बनाया था. इसे ईडब्ल्यूएस बिल्डिंग की तर्ज पर बनाया गया था.