जल्द ही उठाए इस मोके का लाभ, LIC की पॉलिसी से सरकार दे रही है खास सुविधा
सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए विनिवेश का लक्ष्य 1.75 लाख करोड़ रुपए रखा है.
जनता से रिश्ता बेवङेस्क | सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए विनिवेश का लक्ष्य 1.75 लाख करोड़ रुपए रखा है. बजट 2021 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने LIC का आईपीओ लाने की भी घोषणा की है. सभी निवेशकों की नजर इस आईपीओ पर है. जानकारी के मुताबिक, जब सरकार एलआईसी का आईपीओ जारी करेगी तो उसका कुछ हिस्सा LIC पॉलिसी होल्डर के लिए सुरक्षित रखा जाएगा. सरकार के लिए इस बजट में विनिवेश और निजीकरण का लक्ष्य काफी अहम है. वित्त वर्ष 2020-21 के लिए सरकार ने 2.1 लाख करोड़ विनिवेश का लक्ष्य रखा था, लेकिन कोरोना के कारण अब तक करीब 20 हजार करोड़ रुपए ही जुटा पाई है.
डिपार्टेमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सचिव तुहीन कांत पांडेय ने टाइम्स ऑफ इंडिया से खास बातचीत में कहा कि जब एलआईसी का आईपीओ जारी किया जाएगा तो हमने पॉलिसी होल्डर्स को निवेशक बनाने का फैसला किया है. इसके लिए डिपार्टमेंट ने 10 फीसदी तक पॉलिसी होल्डर्स के लिए रिजर्व रखने के बारे में विचार किया है. तुहीन कांत पांडेय ने कहा कि 1991 के आर्थिक सुधार के बाद सरकार ने बड़ा फैसला किया है. सरकार ने अब सभी नॉन-स्ट्रैटिजीक सेक्टर को विनिवेश और निजीकरण के लिए खोलने का फैसला किया है. आसान शब्दों में समझें तो जरूरत पड़ने पर अब स्टील सेक्टर में भी निजीकरण किया जा सकता है.
चालू वित्त वर्ष के लिए विनिवेश का लक्ष्य 2.1 लाख करोड़
सरकार के लिए बजट 2021 में विनिवेश और निजीकरण को लेकर लिया गया फैसला बेहद अहम है. सरकार को पैसे की सख्त जरूरत है. वित्त वर्ष 2020-21 में 2.1 लाख करोड़ के विनिवेश लक्ष्य से इतने पीछे रहने को लेकर DIPAM सचिव ने कहा कि कोरोना के कारण इसमें देरी हुई और सही कीमत नहीं मिल पा रही है. इस बजट में सरकार ने दो पब्लिक सेक्टर बैंक और एक इंश्योरेंस कंपनी के निजीकरण का भी फैसला किया है.
2 बैंकों और एक इंश्योरेंस कंपनी का होगा निजीकरण
वर्तमान में पूरे देश में 12 पब्लिक सेक्टर बैंक हैं. उससे पहले 18 पब्लिक सेक्टर बैंक थे, जिसमें छह बैंकों का मर्जर कर दिया गया. अब 12 में 2 और बैंकों का निजीकरण किया जाएगा. इस तरह देश में कुल 10 पब्लिक सेक्टर बैंक रह जाएंगे. चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर केवी सुब्रमण्यम ने निजीकरण को लेकर कहा कि ये महज शुरुआत है. आने वाले दिनों में देश में केवल चार या उससे भी कम बिग साइज पब्लिक सेक्टर बैंक रहेंगे.