Malabar Neem के पेड़ की छोटी शुरुआत से 5 वर्षों में कमाए भारी मुनाफा

Update: 2024-08-01 11:53 GMT

Business बिजनेस: वैसे तो हमारे देश में कई तरह के पेड़-पौधे पाए जाते हैं, जिनकी खेती करके किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं, लेकिन मालाबार नीम की बात ही अलग है। मालाबार नीम की लकड़ी में दीमक लगने की संभावना कम होती है। यही कारण है कि इससे बने फर्नीचर की देश-दुनिया में काफी मांग है। यदि किसान पूरी तरह से पेड़ नहीं उगाना चाहते हैं, तो वे खेत की सीमाओं पर मालाबार नीम के पौधे लगाकर छोटी शुरुआत कर सकते हैं, जिससे 5 वर्षों में भारी मुनाफा हो सकता है। बाराबंकी Barabanki डीएफओ आकाश दीप ने बताया कि मालाबार नीम की खेती अगस्त-सितंबर माह में करनी चाहिए। किसान खाली पड़ी जमीन और कृषि क्षेत्रों में बाग-बगीचे उगाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

मालाबार नीम 

मालाबार नीम की लकड़ी का उपयोग कृषि उपकरण, भवन निर्माण, पेंसिल, माचिस, संगीत वाद्ययंत्र, चाय के डिब्बे, फलों के डिब्बे, कुर्सियाँ, अलमारियाँ, सोफे, बिस्तर, स्टूल आदि बनाने के लिए किया जाता है।मालाबार नीम का पेड़ कुछ ही वर्षों में 8 फीट तक बढ़ जाता है। अच्छी बात यह है कि इसकी खेती में खाद और उर्वरक Manures and Fertilizers का कोई खर्च नहीं आता है. साथ ही मालाबार नीम की लकड़ी में दीमक जैसी बीमारियों का खतरा भी नहीं होता है. मालाबार नीम का उपयोग रोपण के बाद 3 वर्षों तक कागज और माचिस बनाने के लिए किया जाता है। 5 वर्ष के बाद इसका उपयोग प्लाईवुड बनाने के लिए किया जाता है और 8 वर्ष के बाद इसका उपयोग फर्नीचर बनाने के लिए किया जाता है। मालाबार नीम की लकड़ी का उपयोग कई उद्देश्यों के लिए किया जाता है। इसकी लकड़ी का उपयोग पैकेजिंग, माचिस तैयार करने, कुर्सियाँ, मेज, सोफा बनाने तथा अन्य कार्यों में भी किया जाता है। इसकी खेती कर किसान हजारों रुपये कमा सकते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि मालाबार नीम के पेड़ की लकड़ी बाजार में महंगे दामों पर बिकती है। मालाबार नीम की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी का चयन भी महत्वपूर्ण है। मालाबार नीम की खेती के लिए जैविक खाद से भरपूर बलुई दोमट मिट्टी सर्वोत्तम होती है। मालाबार नीम लाल लेटराइट मिट्टी में भी अच्छी तरह उगता है। यदि आप बजरी से भरी उथली मिट्टी में मालाबार नीम की बुआई करने की सोच रहे हैं तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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