SIAC की सुनवाई Amazon-Future विवाद में , एक महीने बाद सुनाया जा सकता है फैसला, जाने बाते

SIAC ने फ्यूचर समूह और रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच 24,713 करोड़ रुपए के सौदे के खिलाफ ई-कॉमर्स कंपनी एमेजॉन द्वारा दायर याचिका पर अंतिम सुनवाई पूरी की.

Update: 2021-07-17 03:22 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सिंगापुर अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (SIAC) ने फ्यूचर समूह (Future Group) और रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के बीच 24,713 करोड़ रुपए के सौदे के खिलाफ ई-कॉमर्स कंपनी एमेजॉन (Amazon) द्वारा दायर याचिका पर अंतिम सुनवाई पूरी की. सूत्रों ने यह जानकारी दी. एसआईएसी ने इस मामले में अपनी अंतिम सुनवाई 12 जुलाई को शुरू की थी. इस मामले से जुड़े सूत्रों के अनुसार एसआईएसी में गठित न्यायाधिकरण ने इस मामले में अपनी पांच दिन चली अंतिम सुनवाई का समापन कर दिया है.

किशोर बियानी (Kishore Biyani) के नेतृत्व वाले फ्यूचर समूह का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने किया. एमेजॉन की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम ने कंपनी का पक्ष रखा. सूत्रों ने बताया कि इस मामले एक महीने बाद फैसला सुनाया जा सकता है.
24 हजार करोड़ रुपए में हुआ था समझौता
इससे पहले इसी साल के शुरू में इस मामले पर अंतिम सुनवाई के लिए SIAC ने तीन सदस्यीय मध्यस्था मंच का गठन गिया था जिसमें सिंगापुर के बैरिस्टर माइकल हवांग, अलबर्ट वॉन डेन बर्ग ओर जॉन पाउलसन को रखा गया है. यह विवाद अगस्त 2020 में फ्यूचर समूह द्वारा करीब 24,000 करोड़ रुपए में अपने खुदरा, भंडारण और लॉजिस्टिक कारोबार को Reliance Industries को बेचने के समझौते की घोषणा के साथ शुरू हुआ था.
फ्यूचर समूह की कंपनी फ्यूचर कूपन्स लिमिटेड में निवेश करने वाली ई-कामर्स कंपनी एमेजॉन ने कहा कि वह इस हिस्सेदारी के नाते फ्यूचर रिटेल (Future Retail) की भी हिस्सेदार है. फ्यूचर कूपन्स की फ्यूचर रिटेल में 7.3 प्रतिशत हिस्सेदारी है.अमेजन ने इस सदौने को एसआईएसी में अक्टूबर में चुनौती दी. उसकी अर्जी पर मध्यस्था अदालत ने रिलायंस-फ्यूचर सौदे पर अंतरिम रोक लगा दी.
फ्यूचर ग्रुप ने एसआईएसी के फोरम के अंतरिम निर्णय को दिल्ली हाईकोर्ट में मध्यस्था न्यायाधिकरण के अधिकार क्षेत्र और कुछ अन्य आधारों पर चुनौती दी थी. वहां से मामला सुप्रीम कोर्ट तक चला गया है. सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई कर रही तीन सदस्यीय पीठ ने सुनवाई की अगली तारीख 20 जुलाई तय की है. रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) ने इस करार को पुरा करने के लिए प्रतीक्षा की लम्बी अवधि बढ़ा कर 30 सितंबर 2021 तक कर दी है.


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