जनता से रिश्ताब वेबडेस्क | जैसा कि अपेक्षित था, निफ्टी ने इस सप्ताह बुधवार को 15300 के उच्च स्तर को छुआ और उसके बाद लगातार दो दिन बाजार में गिरावट दर्ज हुई। यद्यपि गिरावट का एकमात्र कारण अमेरिका का बॉन्ड यील्ड मार्केट बताया जा रहा है, लेकिन हमारा मानना ​​है कि यह अन्य दूसरे कारणों से है, न कि बॉन्ड यील्ड के कारण। इससे पहले कि हम उन कारणों का विश्लेषण करें, हमें कुछ अन्य पहलुओं पर गौर करने की जरूरत है।

हमारे पिछले लेखों में हम स्पष्ट रूप से इसका उल्लेख कर रहे थे कि एनएसई निफ्टी पीई जो 40 से अधिक है, एक सही मूल्यांकन तंत्र नहीं है, इसलिए एक वैकल्पिक तंत्र पर भरोसा किया जाता है, जिसका अनुसरण वॉरेन बफे भी करते हैं और वह है बाजार पूंजीकरण-जीडीपी अनुपात। आखिरकार एनएसई ने घोषणा की है कि वह अब से पीई की गणना के लिए समेकित आय को फॉलो करेगा। अब तक वे स्टैंडअलोन आय को फॉलो कर रहे थे, जो उच्च पीई देते थे, क्योंकि स्टैंडअलोन आय हमेशा समेकित आय से कम होती है।

इसका तत्काल प्रभाव यह होगा कि एनएसई निफ्टी पीई मौजूदा 40.76 की तुलना में घटकर 32.60 पर आ जाएगा। NSE को इसे सही करने में लंबा समय लग गया, लेकिन यह एक स्वागत योग्य कदम है, क्योंकि अब सही तस्वीर दिखाई देगी। अब इसकी तुलना ब्लूमबर्ग डेटा से करें, जहां निफ्टी पीई को 35.54 पर दिखाया गया है। ब्लूमबर्ग पीई किसी को पीछे छोड़ रहा है, इसका मतलब है कि त्रैमासिक आय का समायोजन। लेकिन वे उसके पीछे हैं, जो एनएसई ने जाहिर किया है, इसका मतलब है कि ब्लूमबर्ग भी समेकित आधार पर नहीं है, इसलिए ही यह अंतर है।

हम CNI में दोनों की गणना करते हैं और हमारे अनुसार, निफ्टी पीई 28.43 है, जो कि अतिरिक्त लिक्विडिटी परिदृश्य को देखते हुए अधिक नहीं है। एनएसई द्वारा पीई को 32.60 किये जाने का इंतजार कीजिए, ब्लूमबर्ग पीई भी 28.43 पर आएगा। अगर एनएसई भी अपने पीई को त्रैमासिक आधार पर ट्रेल करता है और अर्निंग सीजन के 15 दिनों के भीतर अपडेट करता है, तो यह निवेशकों के लिए बहुत मददगार होगा। डिजिटलीकरण की दुनिया में यह कहना कि अपडेट समय पर नहीं किया जा सकता है, उचित नहीं है। समेकित आय का मुद्दा केवल हमारे द्वारा उठाया गया था और हमने समय-समय पर अपने पाठकों का मार्गदर्शन किया है।

हमारी पिछली रिपोर्ट में हमने यह बताया था कि 110 बिलियन डॉलर की पूंजी बाजारों में प्रवेश करने के लिए तैयार है, इसलिए यह सोचना कि बाजार अपने शीर्ष पर है, मूर्खता है। हां, कुछ गिरावट होने की हमेशा संभावना है और ये नियमित रूप से आती रहेंगी। अब हम बॉन्ड यील्ड्स पर फिर से चर्चा करते हैं। यह एक ज्ञात तथ्य है कि अमेरिका द्वारा 13 ट्रिलियन डॉलर की Q E लाने की संभावना है। 1.9 ट्रिलियन अब सिनेट के सामने है। तथ्य यह है कि इस QE को या तो सीधे नागरिकों के खातों में जमा किया जाएगा या उन बैंकों के बॉन्ड्स खरीदकर वितरित किया जाएगा, जो यील्ड मार्केट को बर्बाद करते हैं।

जब अधिक पैसा बॉन्ड में प्रवाहित होता है, तो यील्ड में वृद्धि नहीं होती है और इसलिए यील्ड्स में मौजूदा उतार-चढ़ाव इक्विटी बाजारों को विकृत करने के लिए एक क्रिएट किया गया मुद्दा अधिक है। यहां तक ​​कि वॉरेन बफे कहते हैं कि किसी को अभी US बॉन्ड में निवेश नहीं करना चाहिए। जिस दिन पैसे का प्रवाह होगा, यील्ड गिरेगा और इक्विटी और अधिक ऊपर उठ जाएगी।

हमें लगता है कि पूरा यील्ड इश्यू हमारे बाजारों के लिए एक भूत की तरह है और अधिक व तेजी से शॉर्ट में फंसाने के लिए अस्थिरता क्रिएट की गई है। मांग और आपूर्ति का कार्य बाजारों को निर्धारित करता है। अब 13800, 13200 और 12800 की बातें बाजार में आनी शुरू हो गई हैं, जो हमें इस बारे में निश्चिंत करती हैं कि हम वास्तव में मार्च 2021 में 15500, 15700 और 15800 के स्तर को आते हुए देखेंगे।

आक्रामक स्तर पर निजीकरण, सुधार, साहसिक और त्वरित निर्णय, मानसून, बेहतर चौथी तिमाही के नतीजे, ये सभी आगामी तेजी के पक्ष में हैं। आमतौर पर इस तरह की तेजी को राज्यों के चुनाव तत्काल रूप से रोक सकते हैं, लेकिन यहां यह बात मायने नहीं रखती है, क्योंकि सत्ताधारी पार्टी के पास खोने के लिए कुछ नहीं है। केरल और तमिलनाडु में कोई संभावना नहीं हैं, जबकि पुंडुचेरी बहुत छोटी जगह है। असम में वे जीतेंगे। बड़ी लड़ाई पश्चिम बंगाल में है, जहां बीजेपी सबसे पसंदीदा है, लेकिन बाजार को कोई उम्मीद नहीं है। राजस्थान, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के चुनाव महत्व रखते हैं, ये नहीं। पश्चिम बंगाल में 9.8 करोड़ आबादी है, जिसमें से 6.3 करोड़ मतदाता हैं। वहीं, बीजेपी के कुल 3.5 करोड़ से अधिक सदस्य हैं।

स्वाभाविक रूप से सदस्य अपनी पार्टी को वोट देंगे। दूसरी तरफ ओवैसी TMC मुस्लिम वोट खाने जा रहे हैं। तीसरी बात यह है कि जो पूर्व टीएमसी सदस्य बीजेपी में शामिल हुए हैं, वे एक बड़ा टीएमसी वोटर बैंक बीजीपी को देंगे। अंत में पीएम मोदी की 20 रैलियां निश्चित रूप से मतदाताओं पर भारी प्रभाव डालेंगी। 2019 पहले ही यह साबित कर चुका है कि बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में बड़ी पैठ बना ली है। वे पिछले 3 वर्षों से इस मिशन पर हैं और वे हमेशा कुछ वैज्ञानिक आधार पर काम करते हैं। वास्तव में, ममता की हताशा खुले तौर पर देखी जा रही है, क्योंकि उन्होंने मुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या को 56 से घटाकर 42 कर दिया है और अब मंदिर पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन राम मंदिर के कारण यह भी बीजेपी के पक्ष में काम करेगा।

इस प्रकार यह कारक अप्रैल में बाजार में मसाला डालेगा। इस मुद्दे को छोड़कर हम किसी अन्य कारण को नहीं देखते हैं, जिससे बाजार गिर सकता है। इसका मतलब है कि अस्थिरता पैदा की गई है। एफपीआई मार्च, 2021 में सिर्फ 2000 करोड़ रुपए की बिकवाली कर मई 2020 से लेकर फरवरी 2021 के बीच अपनी 3 लाख करोड़ की खरीदारी को जोखिम में क्यों डालेगा? उद्देश्य बाजार को नियंत्रित करना है, शॉर्ट्स को फंसाओ और ऑप्शन बाजार में हर महीने 40 से 50000 करोड़ रुपये कमाओ। हमने इस बार फिर से साबित किया है कि बाजार में तेजी आएगी और हम लॉन्ग बुल बाजार में होंगे। इस बार भी हम सही होंगे। बाजार वास्तव में 2 अप्रैल को चुनाव परिणाम आने के बाद एक्सप्लोड होगा। वास्तव में, हमें उम्मीद है कि अप्रैल 2021 से B gr रैली में भाग लेना शुरू कर देगा और यह अगले 12 महीनों तक जारी रहेगी।

अब 500 अंकों की गिरावट क्या ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स को परेशान करती है? उनका मानना ​​है कि यह बड़ी गिरावट है। कृपया ध्यान दें कि हम सेंसेक्स के 50,000 के स्तर पर हैं और 500 अंक की गिरावट का मतलब केवल 1 फीसद होता है। हम अभी भी 2014 के मनोविज्ञान में हैं, जहां सेंसेक्स 21000 पर था और 1 फीसद का मतलब 210 अंक था, जिसे हमने खुशी से स्वीकार करते थे। यहां तक ​​कि 1000 अंक की गिरावट 2 फीसद की होती है, जो अनुमेय सीमा में है और इसलिए प्रतिक्रिया व्यक्त करन के लिए कोई जगह नहीं है। हालांकि, एक तरीका है, जिससे आप ट्रेंड को हरा सकते हैं। आपको कम दरों पर खरीदने का प्रयास करना चाहिए, जो आपको अस्थिरता के कारण मिलेगी, ऐसा ही बिकवाली के समय करें। यदि आप ऐसा करते हैं, तो आप 1000 अंक की अस्थिरता को आसानी से हरा देंगे।

आपको यह समझना चाहिए कि उच्च स्तर के बाजार में अस्थिरता भी उच्च स्तर की होगी और जोखिम भी उच्च होगा। यदि आप छोटे स्टॉप लॉस के साथ ट्रेड करते हैं, तो स्टॉप लॉस के कारण 99 फीसद ट्रेड मारे जाएंगे। यहां भी आप केवल पॉजिशनल ट्रेड्स द्वारा स्ट्रीट को हरा सकते हैं।