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आज संकष्टी चतुर्थी है. मंगलवार के दिन चतुर्थी पड़ने पर इसे अंगारकी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है
आज संकष्टी चतुर्थी है. मंगलवार के दिन चतुर्थी पड़ने पर इसे अंगारकी चतुर्थी ( Angarki Sankashti Chaturthi ) के नाम से जाना जाता है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा करना चाहिए. हिंदू धर्म में सबसे पहली पूजा भगवान गणेश की जाती है. किसी भी शुभ कार्यों को करने से पहले भगवान गणेश का नाम लिया जाता है.
संकष्टी चतुर्थी को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है. इस दिन गणपति के द्विजप्रिय रूप की आराधना की जाती है. मान्यता है कि विघ्नहर्ता द्विजप्रिय गणेश के चार मस्तक और चार भुजाएं हैं. उनका पूजन और व्रत करने से सभी तरह के कष्ट दूर हो जाते हैं. साथ ही अच्छी सेहत और सुख समृद्धि प्राप्त होती है. कुछ लोग व्रत रखते हैं. आज के दिन कुछ उपायों को करने से विघ्नहर्ता आप के सभी दुखों को हर लेते हैं. आइए जानते हैं उन उपायों के बापे में.
1. आज के दिन केले के पत्ते पर रोली की मदद से त्रिकोण बनाएं. इसके बाद इसमें आगे की तरफ दीपक जलाएं और बीच में मसूर की दाल और लाल मिर्च रखें. इसके साथ ही अग्रे सखस्य बोधि न: मंत्र का जाप करें.
2. ऊं गं गौं गणपतये विघ्न निवाशिने स्वाहा की माला का 21 बार जाप करें. इस मंत्र का जाप करने से सभी बाधांए दूर हो जाती है.
3. गणपति की पूजा करते समय गौघृत में सिंदूर मिलाएं. फिर गणेश जी के आगे दीपक जलाएं. इसके बाद गेंदे के फूल और गुड़ का भोग लगाएं. ऐसे करने से आपके रूके हुए काम बिना विघ्न के पूरे हो जाएंगे.
4. नीम की जड़ से उभरे गणपति जी के सामने हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा मंत्र का जाप करें. फिर लाल रंग के पुष्प और चंदन अर्पित करें. इन मंत्रों का जाप करने से नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है. साथ ही घर में सुख- समृद्धि आती है.