Share Market: आज शाम होगी मुहूर्त ट्रेडिंग, एक घंटे के लिए खुलेगा बाजार
दीपावली के चलते चार नवंबर और पांच नवंबर को दीपावली बलिप्रतिपदा के अवसर पर शेयर बाजार बंद रहेगा।
दीपावली के चलते चार नवंबर और पांच नवंबर को दीपावली बलिप्रतिपदा के अवसर पर शेयर बाजार बंद रहेगा। लेकिन दिवाली के दिन हर वर्ष की तरह इस बार भी मुहूर्त ट्रेडिंग का आयोजन किया जाएगा। ऐसे में आप इस खास मुहूर्त में खरीदारी कर बंपर मुनाफा कमा सकते हैं।
एक घंटे के लिए खुलेगा शेयर बाजार
दरअसल, दीपावली पर शेयर बाजार बंद होने के बावजूद शाम में एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग का आयोजन होता है। इस एक घंटे में निवेशक अपना छोटा निवेश करके बाजार की परंपरा को निभाते हैं। एक्सचेंजों के मुताबिक 4 नवंबर को शाम 6.15 से 7.15 बजे तक मुहूर्त ट्रेडिंग होगी। जबकि 4 नवंबर को शाम 6.00 से 6.08 बजे प्री-ओपन ट्रेड होगा। मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान शेयर बाजार में निवेश को शुभ माना जाता है। इस एक घंटे के मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान ज्यादातर निवेशक शेयर खरीदते हैं।
विशेष मुहूर्त में ग्रहों की स्थिति के कारण निवेश में फायदा
मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। हर साल मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए एक खास समय तय किया जाता है। छोटे से लेकर बड़े निवेशक तक इस शुभ मौके पर वैल्यू बेस्ड स्टॉक खरीदते हैं और उसे लंबे समय तक रखते हैं। माना जाता है कि विशेष मुहूर्त में ग्रहों की स्थिति ऐसी होती है कि इस मौके पर किया गया निवेश फायदा देता है। बता दें कि इस बार दिवाली के साथ संवत् 2077 शुरू होने जा रहा है।
अक्सर होता है फायदा
गौरतलब है कि इस खास मुहूर्त के दौरान किया गया निवेश बहुत शुभ माना जाता है। बाजार के जानकारों के अनुसार, मुहूर्त ट्रेडिंग के दिन कारोबारी निवेश का आंकलन करने के बाद ही मार्केट में उतरते हैं। परंपराओं को मानने वाले इन्वेस्टर पहला ऑर्डर अक्सर खरीद का देते हैं।
क्या होती है मुहूर्त ट्रेडिंग
निवेशक अक्सर दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं और किसी नए कारोबार की शुरुआत करते हैं। हिंदू परंपरा के अनुसार दिवाली के शुभ दिन किसी कारोबार की शुरुआत करने से व्यापारी साल भर मुनाफा कमा सकते हैं। दिवाली से ही हिंदू लेखा वर्ष संवत की शुरुआत होती है और कारोबारी इस दिन अपने बहीखाते की पूजा करते हैं। शेयर बाजार में भी ब्रोकर मुहूर्त ट्रेडिंग से पहले बहीखातों की पूजा करते हैं जिसे 'चोपड़ा पूजा' कहते हैं।