शापूरजी पलोनजी ने SC को सौंपा टाटा से अलग होने की योजना, जानें क्या है वजह
शापूरजी पालोनजी समूह ने टाटा ग्रुप से अलग होने की योजना उच्चतम न्यायालय को सौंप दी है। समूह ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| मुंबई, शापूरजी पालोनजी समूह ने टाटा ग्रुप से अलग होने की योजना उच्चतम न्यायालय को सौंप दी है। समूह ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। शापूरजी पालोनजी समूह और टाटा का संबंध करीब सात दशक पुराना है। उल्लेखनीय है कि साइरस मिस्त्री को 28 अक्टूबर, 2016 को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था। मिस्त्री परिवार की ओर से शीर्ष अदालत में कहा गया है कि टाटा में उनकी हिस्सेदारी का मूल्य 1.75 लाख करोड़ रुपये बैठता है। उच्चतम न्यायालय दोनों समूहों के बीच कानूनी विवाद की सुनवाई कर रहा है।
शापूरजी पालोनजी समूह ने उच्चतम न्यायालय में दावा किया है , ''टाटा संस प्रभावी तरीके से दो-समूहों की कंपनी है। इनमें टाटा समूह में टाटा ट्रस्ट, टाटा परिवार के सदस्य और टाटा की कंपनियां शामिल हैं। इनकी टाटा संस में कुल इक्विटी शेयर पूंजी 81.6 प्रतिशत है। वहीं मिस्त्री परिवार के पास शेष 18.37 प्रतिशत हिस्सेदारी है।''
समूह ने टाटा से अलग होने की योजना उच्चतम न्यायालय को सौंप दी है। टाटा संस मुख्य निवेश कंपनी है और यह टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी है। इसका मूल्यांकन सभी सूचीबद्ध शेयरों, गैर-सूचीबद्ध शेयरों, ब्रांड, नकदी और अचल संपत्तियों के हिसाब से निकाला गया है। टाटा संस में शापूरजी प़ालोनजी समूह की 18.37 प्रतिशत हिस्सेदारी का मूल्य उसके हिसाब से 1,75,000 करोड़ रुपये बैठता है।
शापूरजी पालोनजी समूह ने कहा कि टाटा से अलग होने की योजना के तहत मूल्यांकन में किसी तरह के विवाद को समाप्त करने के लिए सूचीबद्ध संपत्तियों में प्रो-राटा के आधार पर विभाजन किया जा सकता है। शेयर का मूल्य पहले ही पता है। इसके अलावा ब्रांड का भी प्रो-राटा विभाजन हो सकता है। टाटा द्वारा पहले ही ब्रांड का मूल्यांकन कराया जा चुका है और इसे प्रकाशित भी किया गया है।
इसके अलावा गैर-सूचीबद्ध संपत्तियों के लिए किसी तटस्थ तीसरे पक्ष से मूल्यांकन कराया जा सकता है। इसमें शुद्ध कर्ज को समायोजित करना होगा। बिना नकद निपटान के तहत शापूरजी पालोनजी ने टाटा की उन की सूचीबद्ध इकाइयों में प्रो-राटा शेयरों की मांग की है, जिनमें टाटा संस की हिस्सेदारी है। बयान में उदाहरण देते हुए कहा गया है कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) में टाटा की हिस्सेदारी 72 प्रतिशत है। टाटा संस में उसकी 18.37 प्रतिशत की हिस्सेदारी के हिसाब से टीसीएस में उसका हिस्सा 13.22 प्रतिशत बैठता है। कंपनी के मौजूदा बाजार पूंजीकरण के अनुसार यह 1,35,000 करोड़ रुपये बैठेगा।