नई दिल्ली: इंफोसिस और हिंदुस्तान यूनिलीवर के कमजोर पहली तिमाही के नतीजों का असर शेयर बाजार पर पड़ रहा है। बीएसई सेंसेक्स शुक्रवार को 800 अंक तक लुढ़क गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा, हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) की सालाना आधार पर 6 फीसदी की राजस्व वृद्धि हमारी उम्मीद से कम है। शुक्रवार को कारोबार में एचयूएल 3 फीसदी नीचे है।
घरेलू वॉल्यूम ग्रोथ 3 फीसदी पर हमारे अनुमान से कम है। हमने पाया कि कीमतों में कटौती के बदले व्यापार में स्टॉक स्तर (1-3 दिन) कम होने से वॉल्यूम वृद्धि प्रभावित हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि फैब्रिक वॉश में प्रीमियम पोर्टफोलियो के कारण दोहरे अंक में वृद्धि हुई, जबकि डिशवॉश में भी बेहतर प्रदर्शन के कारण दोहरे अंक (वॉल्यूम के आधार पर) में वृद्धि हुई। कारोबार में इंफोसिस 7 फीसदी से ज्यादा नीचे है और बीएसई सेंसेक्स 800 अंक से ज्यादा टूट गया है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने कहा कि भले ही निफ्टी मनोवैज्ञानिक 20,000 अंक से थोड़ी ही दूरी पर है, लेकिन इंफोसिस के खराब नतीजों का असर पड़ा है। वित्त वर्ष 24 के लिए इन्फोसिस का 1 से 3.5 प्रतिशत राजस्व वृद्धि का खराब आकलन स्टॉक को नीचे खींचेगा और शायद निफ्टी को भी। पहली तिमाही में महज 3 फीसदी की वॉल्यूम ग्रोथ के साथ एचयूएल का कमजोर प्रदर्शन बाजार पर एक और दबाव बना सकता है। हालांकि, निरंतर एफपीआई प्रवाह, जो अब हर चीज पर भारी पड़ रहा है, निफ्टी को जल्द ही 20,000 के स्तर तक ले जाने की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा, निफ्टी बैंक रैली को समर्थन दे सकता है।
विजयकुमार ने कहा, अमेरिका को छोड़कर, भारत अब दुनिया का सबसे महंगा बाजार है। भारतीय बाजार में कुछ करेक्शन हो सकते हैं, लेकिन निकट भविष्य में पार्टी जारी रहने की संभावना है।