सेबी ने 1 करोड़ रुपये से ज्यादा का जुर्माना Aditya Birla Money पर लगाया, जानें पूरा मामला

सेबी, बीएसई, एनएसई और डिपॉजिटरी द्वारा किए गए संयुक्त निरीक्षण के आधार पर मार्च 2019 में आदित्य बिड़ला मनी के खिलाफ इस संबंध में कार्यवाही शुरू की गई थी.

Update: 2021-10-05 05:30 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मार्केट रेग्युलेटर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने शेयर ब्रोकर नियमन समेत बाजार नियमों का उल्लघंन करने को लेकर आदित्य बिड़ला मनी लिमिटेड (Aditya Birla Money Ltd) पर 1 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया. सेबी (Sebi), बीएसई (BSE), एनएसई (NSE) और डिपॉजिटरी द्वारा किए गए संयुक्त निरीक्षण के आधार पर मार्च 2019 में आदित्य बिड़ला मनी के खिलाफ इस संबंध में कार्यवाही शुरू की गई थी. बाजार नियामक द्वारा मार्च 2018 में कंपनी पर एक विशेष प्रयोजन निरीक्षण भी किया गया था. इन निरीक्षण के निष्कर्षों के आधार पर सेबी ने यह कार्यवाही शुरू की थी.

Sebi ने कहा, किसी भी पंजीकृत शेयर ब्रोकर को ईमानदारी के उच्च मानकों को बनाए रखना चाहिए और उचित कौशल तथा वैधानिक आवश्यकताओं का पालन करना चाहिए. साथ ही सामान्य परिस्थितियों में ग्राहक को निवेश की ऐसी कोई सलाह नहीं देनी चाहिए, जिसका पालन उसके द्वारा नहीं किया गया था.
स्टॉक ब्रोकर नियमों का किया उल्लंघन
सेबी ने कहा कि Aditya Birla Money Ltd ने स्टॉक ब्रोकर नियमन का उल्लंघन करते हुए बिना किसी समझौते के ग्राहकों के लिए पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाएं की हैं. उसने कहा कि आदित्य बिड़ला मनी के पास अपने व्यवसाय के संचालन और अपने ग्राहकों के साथ व्यवहार करने में उचित कौशल और देखभाल सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त प्रणाली और आंतरिक नियंत्रण नहीं था.
बाजार नियामक द्वारा लगाये गए कुल 1.02 रुपये के जुर्माना को भरने के लिए कंपनी को 45 दिन का समय दिया गया है.
सेबी ने आईपीओ का न्यूनतम मूल्य 5 फीसदी रखने की सिफारिश की
सेबी ने प्रस्ताव दिया है कि बुक बिल्डिंग प्रक्रिया के जरिये शेयरों का आवंटन करते समय पब्लिक इश्यू का न्यूनतम मूल्य 5 फीसदी अवश्य रखा जाए. इतना ही बाजार नियामक ने नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) का उपवर्गीकरण करने की भी सलाह दी है. सेबी ने इस संबंध में एक सर्कुलर जारी किया है, जिस पर लोगों से 20 अक्टूबर तक टिप्पणियां आमंत्रित की गई हैं.


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