SBI के रिसर्च विंग की रिपोर्ट, प्रधानमंत्री जनधन योजना अकाउंट को लेकर सामने आई अहम जानकरी

Update: 2021-11-09 05:22 GMT

नई दिल्ली: देश के बैंकों में प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) के अकाउंट बढ़ने से अपराधों में कमी आई है. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के रिसर्च विंग की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन राज्यों में ज्यादा जनधन अकाउंट खुले हैं, वहां अपराधों में कमी आई है. इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि चीन के मुकाबले भारत समावेशी बैंकिंग में आगे है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय समावेशन (financial inclusion) की दिशा में रिजर्व बैंक और सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों का अच्छा फायदा हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार देश में प्रति हजार जनसंख्या पर मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग लेन-देन साल 2015 के 183 से बढ़कर 2019 में 13,615 तक पहुंच गया है.
क्या है रिपोर्ट में
रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि जिन राज्यों में प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) के अकाउंट ज्यादा खुले हैं वहां स्पष्ट रूप से अपराधों में कमी आती दिखी है. इन राज्यों में शराब और तंबाकू जैसे हानिकारक पदार्थों के सेवन में भी कमी आई है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह जन धन-आधार-मोबाइल (Jan Dhan-Aadhaar-mobile- JAM) ट्रिनिटी के कारण हो सकता है, जिसने सरकारी सब्सिडी को बेहतर ढंग से व्यवस्थित करने में मदद की है और ग्रामीण क्षेत्रों में शराब और तंबाकू जैसे अनुत्पादक खर्चों को रोकने में मदद की है.
जनधन अकाउंट 43 करोड़ से ज्यादा
केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अनुसार, अगस्त 2014 में यह योजना शुरू होने के बाद से अब तक 43.76 करोड़ जन-धन खाते खोले जा चुके हैं. मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने एक ट्वीट में बताया कि प्रत्येक वयस्क नागरिक को बैंकिंग सुविधा देने के लिए शुरू इस अभियान में 21 अक्टूबर, 2021 तक जन-धन खाताधारकों को मुफ्त दुर्घटना बीमा कवर देने वाले 31.67 करोड़ रुपे डेबिट कार्ड (Rupay Debit Card) जारी किए जा चुके हैं.
इसी तरह देश में प्रति एक लाख जनसंख्या पर बैंक ब्रांच की संख्या साल 2015 के 13.6 से बढ़कर 2020 में 14.7 तक पहुंच चुकी है जो कि जर्मनी, चीन और दक्ष‍िण अफ्रीका से भी ज्यादा है.


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