SBI ने गर्भवती महिला उम्मीदवारों के लिए भर्ती नियम बदले

स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया ने गर्भवती महिला उम्मीदवारों के लिए भर्ती नियमों में बदलाव कर दिया है. नए नियमों के तहत नई भर्ती की स्थिति में तीन महीने से ज्यादा गर्भवती महिला उम्मीदवारों को अस्थायी रूप से अयोग्य माना जाएगा.

Update: 2022-01-29 05:21 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अपने ग्राहकों को बेहतर सुविधा देने के लिए और बाकी दूसरे कामों के लिए भी तमाम बैंकों द्वारा समय-समय पर कई बदलाव किए जाते रहे हैं. इसी कड़ी में देश का सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का कर्जदाता स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank Of India) ने गर्भवती महिला उम्मीदवारों के लिए भर्ती नियमों (Latest medical fitness guidelines) में बदलाव कर दिया है. बैंक के मुताबिक, नए नियमों के तहत नई भर्ती की स्थिति में तीन महीने से ज्यादा गर्भवती महिला उम्मीदवारों को 'अस्थायी रूप से अयोग्य' माना जाएगा. दरअसल वो प्रसव के बाद चार महीने के अंदर (4 months after delivery) बैंक में शामिल हो सकती हैं. वहीं, एसबीआई ने नई भर्तियों या पदोन्नत लोगों के लिए अपने नवीनतम मेडिकल फिटनेस दिशानिर्देशों में कहा है कि, तीन महीने के समय से कम गर्भवती महिला उम्मीदवारों को 'फिट' माना जाएगा.

बैंक द्वारा 31 दिसंबर, 2021 को जारी फिटनेस संबंधित मानकों के अनुसार ही गर्भावस्था के तीन महीने से ज्यादा होने की स्थिति में महिला उम्मीदवार को अस्थायी रूप से अयोग्य माना जाएगा. आइए जानते हैं पहले के मुकाबले नियमों में क्या कुछ बदलाव किया गया है और अब आवेदन करने से पहले सभी को इन नियमों का ध्यान रखना भी जरूरी है.
गर्भवती महिला उम्मीदवारों के लिए भर्ती नियम
दरअसल पहले के अपेक्षा नई भर्ती की स्थिति में तीन महीने से ज्यादा गर्भवती महिला उम्मीदवारों को 'अस्थायी रूप से अयोग्य' माना जाएगा. जिसके तहत वो प्रसव के बाद चार महीने के अंदर बैंक में शामिल हो सकती हैं. लेकिन पहले यह नियम कुछ अलग थे, जिनमें बदलाव हुआ है. बता दें, पहले 6 महीने तक की गर्भावस्था वाली महिला उम्मीदवारों को अलग-अलग शर्तों के तहत बैंक में शामिल होने की अनुमति थी.
कब से प्रभावी होगा नया नियम
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा गर्भवती महिला उम्मीदवारों के लिए भर्ती नियम में किया गया बदलाव को दिसंबर, 2021 यानी मंजूरी की तारीख से प्रभावी माना गया है. जबकि, प्रोमोशन से जुड़े नियम 1 अप्रैल, 2022 से लागू होंगे.
उधर, अखिल भारतीय स्टेट बैंक कर्मचारी संघ के महासचिव के एस कृष्णा के मुताबिक, यूनियन ने एसबीआई प्रबंधन को पत्र लिखकर दिशानिर्देशों को वापस लेने का आग्रह किया है. उनके मुताबिक, एक महिला पर बच्चा पैदा करने और रोजगार के बीच चुनाव करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है. क्योंकि यह उनके प्रजनन अधिकारों और रोजगार के अधिकार दोनों में दखलअंदाजी करता है.


Tags:    

Similar News

-->