सऊदी प्रिंस ऐसे कमांएगे पैसे, उनकी अय्याशी सामने कुछ नहीं बोल पाए के आगे इमरान खान

सऊदी अरब के अरबों डॉलर के कर्ज के पहाड़ तले दबे पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने प्रिंस मोहम्‍मद |

Update: 2020-12-03 07:13 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| सऊदी अरब के अरबों डॉलर के कर्ज के पहाड़ तले दबे पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान को अपने देश में 'अय्याशी' करने की अनुमति दे दी है। इमरान सरकार ने सऊदी प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान और उनके शाही परिवार से जुड़े दो अन्‍य सदस्‍यों को अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर संरक्षित हुबारॉ या तिलोर पक्षियों के शिकार की स्‍वीकृति दी है। प्र‍िंस मोहम्‍मद बिन सलमान के दबाव का आलम यह है कि इमरान खान सरकार ने एक भगोड़े सऊदी प्रिंस को भी शिकार करने की अनुमति दी है जिसने पिछले साल फीस का पैसा नहीं दिया था।

​पाकिस्‍तान की शरण में आए पक्षियों का इमरान ने किया 'सौदा'
पाकिस्‍तानी अखबार डॉन ने सूत्रों के हवाले से बताया कि प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान के अलावा जिन दो अन्‍य लोगों को हुबारॉ के शिकार करने की अनुमति दी गई है, उनमें एक भगोड़ा भी है। इस भगोड़े सऊदी शाही परिवार के सदस्‍य ने पिछले साल पाकिस्‍तान में शिकार करने के बाद भी फीस नहीं दिया था। बताया जा रहा है कि इन तीनों ही लोगों को बलूचिस्‍तान और पंजाब में शिकार के लिए विशेष इलाके दिए गए हैं। शिकारियों की इस ल‍िस्‍ट में सऊदी प्रिंस का नाम सबसे नीचे है जो सऊदी अरब के अब असली बादशाह हैं। मध्‍य एशियाई देशों में पाए जाने वाले हुबारॉ पक्षी भीषण ठंड से बचने के लिए पाकिस्‍तान में शरण लेते हैं और अब इमरान सरकार ने एक बार फिर से इन्‍हीं बेजुबानों की जान का सऊदी प्रिंस से सौदा कर लिया है।

​इमरान ने पीएम बनने से पहले किया था विरोध, अब दी अनुमति
इमरान खान सरकार ने अरब देशों के शिकारियों को शिकार करने के लिए आमंत्रित किया है। हुबारा पक्षियों की तादाद बहुत तेजी से कम होती जा रही है और न केवल दुनियाभर में बल्कि पाकिस्‍तान में भी इसका शिकार वर्जित है। सूत्रों के मुताबिक इमरान खान जब सत्‍ता में नहीं थे तब वह हुबारॉ पक्षियों के शिकार को अनुमति देने का विरोध करते थे और खैबर पख्‍तूनख्‍वा में शिकार की अनुमति नहीं दी थी जहां पर उनकी पार्टी का शासन था। हालांकि अब इमरान खान ने अपने फैसले को पलटते हुए सऊदी प्रिंस को हुबारॉ पक्षियों के शिकार की अनुमति दे दी है। डॉन ने बताया कि ताबुक प्रांत के गवर्नर प्रिंस फहद बिन सुल्‍तान को भी अनुमति दी गई है।

​बेजुबानों की हत्‍या से इमरान सरकार भरेगी खजाना
प्रिंस फहद ने कुछ साल पहले 2000 हुबारॉ पक्षियों का शिकार किया था और दुनियाभर के मीडिया में सुर्खियों में आ गए थे। यही नहीं प्रिंस फहद ने पिछले साल हुबारॉ पक्षियों के शिकार के लिए जरूरी एक लाख डॉलर की फीस को भी पाकिस्‍तान सरकार को नहीं दिया था। यही नहीं प्रिंस फहद ने पिछले साल 60 बाज के इस्‍तेमाल के लिए जरूरी 60 हजार डॉलर की फीस को भी नहीं दिया था। हुबारॉ के शिकार के बाद प्रिंस फहद फीस द‍िए बिना ही वापस सऊदी अरब चले गए थे। प्रिंस फहद की दादागिरी का आलम यह है कि उन्‍होंने 2000 हुबारॉ पक्षियों का शिकार किया जबकि उन्हें मात्र 100 पक्षियों के शिकार की अनुमति दी गई थी। पाकिस्‍तान के बलूचिस्तान प्रांत को शिकार के हर सीज़न में कम से कम 2 अरब रुपये की कमाई होती है।

​पाकिस्‍तान में सऊदी अरब के राजकुमारों की दादागिरी
इससे पहले वर्ष 2014 में पाकिस्‍तान की एक अदालत ने बाज के निर्यात और हुबारॉ के शिकार पर प्रतिबंध लगा दिया था तो सऊदी अरब और यूएई के साथ उसके संबंध रसातल में चले गए थे। भारी तनाव के बाद पाकिस्‍तान सरकार झुक गई थी। हुबारॉ या तिलोर पक्षी शर्मीला लेकिन बेहद खूबसूरत होता है और आकार में टर्की चिड़िया जैसा दिखाई देता है। पिछले चार दशकों से भी ज़्यादा समय से पाकिस्तान अरब देशों के उच्चाधिकारियों को बाज की मदद से होने वाले शिकार के लिए न्यौता देता रहा है। इमरान सरकार ने सऊदी प्रिंस को यह अनुमति ऐसे समय पर दी है जब संऊदी अरब ने अपने बचे हुए 2 अरब डॉलर वापस मांगे हैं, वहीं यूएई ने पाकिस्‍तानियों को वीजा देने पर प्रतिबंध लगाया है। बड़ी संख्‍या में पाकिस्‍तानी नागरिक यूएई में रहते हैं और पैसा भेजते हैं। इससे पहले इमरान खान सरकार ने संयुक्‍त अरब अमीरात के वाइस प्रेसिडेंट और दुबई के शासक शेख मोहम्‍मद बिन राशिद अल मक्‍तूम को 150 दुर्लभ बाज निर्यात करने की अनुमति दी थी।


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